इंदौर गोम्मटगिरी तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा दीवार बनाने से गुर्जर बंधू द्वारा रोक व मारपीट क्यों ..?
( जैन समाज ने प्रधानमंत्री , गृहमंत्री व मुख्यमंत्री से की अपील )
इंदौर ! ( देवपुरी वंदना ) सर्व विदित है कि विश्व का सबसे बड़ा व प्राचीन जैन धर्म ही है अपने समाज, कुल ,धर्म की संस्कार, संस्कृति के तहत सदेव अहिंसा – वादी ही रहा है व रहता है जिसका देश दुनिया में सभी नाजायज फायदा उठाते आरहे हैं व फायदा उठाते है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण गुजरात का जैन तीर्थ गिरनार जी हे जिस से सभी परिचित हैं जहां पर सामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा कर लिया है । व हमें ही हमारे आराध्य देव के दर्शन व पूजा करने से रोक लगाते हुए अभद्र व्यवहार करते हैं जिसे हमारी कमजोरी मानते है ।
उसी प्रकार मध्यप्रदेश प्रांत के इंदौर शहर स्थित श्री गोम्मटगिरी तीर्थ क्षेत्र जोकि विगत 40 वर्षों से जैन तीर्थ रहा है व है जिसका शासन प्रशासन में उल्लेख रहा है फिर भी क्षेत्र के पहुंच मार्ग के आसपास कुछ असामाजिक गुर्जर बंधु वहां पर अपना कब्जा जमाना चाहता है ? क्षेत्र की सुरक्षा दिवार बनाते समय वह वहां पहुंचकर जैन श्रावक- श्राविका से गलत व्यवहार करते हुए मारपीट करने लग जाते हैं।
शासन प्रशासन इस और ध्यान क्यों नहीं देता है।
स्थानीय -प्रशासन को भी उनकी इस हरकत से वाकिफ करवाया फिर भी प्रशाशन के उदासीन रवैये से असामाजिक तत्वों को और प्रोत्साहन मिलता जा रहा है।
गोम्मटगिरी ट्रस्ट कमेटी ने अब देश के प्रधानमंत्री , गृहमंत्री सहित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से असामाजिक तत्वों द्वारा सुरक्षा दिवार बनाने से रोक लगाते समय
उनकी गुंडागर्दी पर रोक लगाने की अपील की है।
जिसमें असामाजिक तत्वों का स्पष्ट रुप से नाम मोबाइल नंबर व पूर्व में शासन प्रशासन को दी गई सूचना का भी सविस्तार उल्लेख किया गया है। क्या इंदौर जैन समाज द्वारा की गई विनम्र अपील के बाद स्थानीय शासन – प्रशासन जैन समाज का सहयोग करेगा या पूर्व की तरह अनदेखा कर इति श्री कर लेगा । या इंदौर जैन समाज अब कोई ठोस कदम उठाएगा जिसे गिरनार तीर्थ क्षैत्र की पुनरावृति पुनः नहीं दोहरा ते हुए । अहिंसावादी जैन समाज को अपने तीर्थ क्षेत्र पर जाकर धर्म पूजा पाठ की स्वतंत्रता बिना किसी मानसिक तनाव के मिल जाएगी ।