इंदौर जैन समाज अपने अहित पर चुनाव परिणाम बदलने की ठान चुका है
इंदौर ! ( देवपुरी वंदना )
जहां धुआं उठता है या दिखता है वहां जरूर आग लगी होती है जैन समाज के व्यक्तित्व को सभी जानते हैं अहिंसा प्रेमी रहा है व सदा रहता है। क्योंकि वह जिन्हें मानता है या जिनका अनुसरण करता है वह तीर्थंकर अहिंसा परमो धर्म का पहला पाठ पढ़ाते हैं जिससे बचपन में ही यह बात घर बना लेती है की एक चींटी को भी दुख देना महापाप कहलाता है ऐस़े धर्म व समाज के प्रति सजग रहने वाले व्यक्तित्व पर उनकी धार्मिक, सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों पर अगर कोई हमला करें या कब्जा कर बदलने का प्रयास करता है तब वही जैन समाज अपने धर्म व समाज को बचाने के लिए एक क्षत्रिय वीर योद्धा जो उसके रग रग में बहती है उसका रूप भी धारण कर लेता है । इसका प्रत्यक्ष उदाहरण इंदौर नगर निकाय चुनाव में देखने को मिल सकता है । इंदौर जैन समाज ने सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक ,सांस्कृतिक , मानव हितार्थ, सेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जैन समाज ही नहीं सनातन धर्म और समाज के सदैव लाभ के लिए ग्रुप, संघ, मंडल ,मंच समिति, सभा, के साथ मिलकर ‘ जैन फोरम” इंदौर के प्रमुख राजनैतिक दल के स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर तक के राजनेताओं व पदाधिकारियों को अपनी मंशा से अवगत करा दिया है। क्योंकि इंदौर जैन समाज जोकि इंदौर के मुख्य जैसे सराफा , क्लॉथ मार्केट, स्वास्थ्यप्रद , कसेरा बाजार, सियागंज, दवा बाजार, उच्च तकनीकी शिक्षा, खाद्य सामग्री, ट्रांसपोर्ट, कर प्रणाली, जैसे प्रमुख क्षेत्रों में, अपनी अहम भूमिका निभाता आ रहा है। मगर अब राजनैतिक गलियारों के सुरक्षा कवच से इंदौर जैन समाज अपने आपके को असुरक्षित महसूस कर रहा है जिसका परिणाम अवश्य दिखेगा।
अब देखना यह है कि इंदौर शहर के राजनैतिक दल जैन समाज के साथ कितना सहयोगात्मक रवैया अपना ता है या अपनी महत्वाकांक्षा, लालसा, या अवसर वादी अवधारणा को लेकर चलता है जैन फोरम के सर्वश्री कांतिलाल बम , अशोक मेहता, निर्मल कासलीवाल पियूष जैन, अनिल भौजे, रविंद्र जैन काला, आदि पदाधिकारी व सदस्यों द्वारा बताए गए जैन समाज के पार्षद प्रत्याशियों की उम्मीदवारी पर कितना ध्यान देता है या नहीं अगर इस चुनावी माहौल में जैन समाज का अहित होता है तो वह अपने सामाजिक ,धार्मिक लाभ के लिए सजग और जागरूक हो गया है अब जैन समाज चुनाव परिणाम में अपनी एकता ,शक्ति , काअस्तित्व जरूर दिखाएगा जिसका असर राजनैतिक दलों का अवश्य दिखेगा क्योंकि इंदौर जैन बाहुल्य क्षेत्र है। वह बिना शोर करे अपने तरीके से चुनाव परिणाम दिखाकर मानेगा क्योंकि इंदौर जैन समाज के पास कई पीढ़ियों से रह रहे अनुभवी श्रेष्ठी जनों के अनुभव के साथ युवा वर्ग का जोश, ताकत, जुनून ,टेक्निकल दिमाग और धर्म ,समाज व राष्ट्र के प्रति अपनी सुरक्षात्मक भावना जुड़ी है जो शिक्षा के परिणाम के साथ साथ अपने धर्म और समाज हित के लिए इंदौर चुनावी परिणाम मैं भी फेरबदल करने की ताकत रखता है।