पर्यावरण सुधारने वाले वृक्ष लगाए जाएंगे, 110 स्थानों पर 30 हजार से अधिक पौधे लगे

इंदौर। शहर की आबोहवा को दुरुस्त करने निगम लगातार काम कर रहा है। इसी क्रम में सभी 85 वार्डों में 400 गार्डन विकसित किए जाएंगे। इन गार्डनों को अहिल्या वन का नाम दिया जाएगा। योजना पर काम 22 जुलाई के बाद शुरू होगा। इसमें से 110 स्थानों पर सफलता मिलर चुकी है, जहां निगम 30 हजार से अधिक पौधे लगा चुका है।
अहिल्या वन का निर्माण उद्यान विभाग द्वारा किया जाएगा। नगर निगम 85 वार्डों में शासकीय भूमि तलाश रहा है। इस दौरान निगम ने 600 स्क्वेयर फीट से लेकर 3 हेक्टेयर तक खाली पड़ी जमीन की बात कही है। निरंजनपुर, न्यायनगर, मल्हाराश्रम, संत कबीर नगर पंचवटी, शिव मंदिर, संत कबीर नगर, रिंगरोड, गोयल अस्पताल, रिंगरोड एरोड्रम के पास, स्कीम नंबर 94, मूसाखेड़ी, सुखलिया सहित कुल 110 स्थान है, जहां अहिल्या वन खड़ा करने की तैयारी चल रही है। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शा्सकीय या ग्रीन बेल्ट जमीन उद्यान विभाग को मिलती है उसकी जांच कर काम शुरू कर दिया जाएगा। 11 निर्माण का कार्य इस वर्ष पूरे साल चलेगा। इसके बाद नेचुरल हट का निर्माण किया जाएगा। पौधारोपण के बाद यहां वाटर रिचार्जिंग हेतु छोटे पोंड भी बनाए जाएंगे। बारिश के सीजन में 100 वन और बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। साल के अंत तक गार्डन बना दिए जाएंगे।
पौधारोपण के लायक जमीन हुई तो 2 से 3 फीट ऊंचाई तक के पौधे लगाए जाएंगे। अब बारिश अच्छी हो रही है जिसका फायदा अहिल्या वन के विकास में मिल रहा है। स्वच्छता की रेंकिंग में हरियाली को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए 20 अंक निर्धारित किए गए हैं। शहर में एक्यूआई का स्तर और हवा साफ रखने के लिए क्या कदम उठाए गए, इसके लिए भी 30 अंक निर्धारित किए गए हैं। शहर में रुफ वाटर हार्वेस्टिंग पैनल की क्षमता कितनी बढ़ी या क्या कदम उठाए, इसके लिए 10 अंक मिलेंगे। यानि, यह अहिल्या वन निगम को पुरस्कार लेने में भी मददगार साबित होंगे।गे

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