मानसून सत्र में बैंकों के निजीकरण का बिल आएगा

नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष कई अहम मुद्दों पर आमने-सामने होंगे। इनमें सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए लाया जाने वाला बैंकिंग कानून संशोधन बिल के अलावा बाल विवाह रोकथाम सहित चार बिल शामिल हैं, जिन्हें असहमति के कारण संसदीय समितियों को भेजा गया था।
विपक्ष इस बार सरकार को भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा विवादित टिप्पणी, सेना में भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना, केंद्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, महंगाई और बेरोजगारी के सवाल पर घेरने की रणनीति बनाई है। सरकार ने भी जवाबी रणनीति तैयार की है। इसी रणनीति के तहत दोनों ओर से लोकसभा में चालीस से अधिक सांसदों ने नूपुर की टिप्पणी, उसके बाद उदयपुर और अमरावती में हिंदू समुदाय के दो लोगों की हत्या से जुड़े सवाल पूछे हैं। सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए सरकार इस सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन बिल लाने की तैयारी में जुटी है। इस बिल के पारित होने के बाद सरकारी बैंकों में अपनी पूरी हिस्सेदारी खत्म करने का रास्ता खुल जायेगा। सत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सत्र से एक दिन पहले 17 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

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