शाश्वत् तीर्थराज के रक्षार्थ  ”  चिंतन बैठक  ”  के  लिए सुझाव‌ व आमंत्रण 

दिल्ली !( देवपुरी वंदना ) संस्कार, संस्कृति की अमूल्य धरोहर जप, तप, ध्यान, साधना – आराधना की पुण्य धरा शाश्वत् तीर्थराज श्री 1008 पार्श्वनाथ की पर्वत श्रृंखला को इको सेंसटिव झोन  घोषित करती हुई भारत  के संस्कार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की राजपत्र अधिसूचना 2 अगस्त 2019 को निरस्त कराने एवं श्री सम्मेद शिखरजी पार्श्वनाथ तीर्थ क्षेत्र को ‘जैनों का पवित्रतम तीर्थ’ घोषित कराने के लिए श्री दिगंबर जैन ‌महासभा हर स्तर पर निरन्तर प्रयास कर रही है। सरकार से विरोध पत्र देने के साथ-साथ बात भी चल रही है।

मुद्दा यह है कि झारखण्ड सरकार की संस्तुति से भारत सरकार ने पार्श्वनाथ पर्वत वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पर पर्यटन एवं कुटीर उद्योगों, पशु मुर्गी एवं मत्स्य पालन आदि को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। यह किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है क्योंकि इससे पर्वतराज पार्श्वनाथ की पवित्रता खतरे में पड़ जायेगी।

अगर सरकार के स्तर पर सहजता से सफलता नहीं मिलती है तो महासभा किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है। हर मोर्चे पर लड़ने के लिए सजग और प्रतिबद्ध है। प्रयासों के लिए सम्पूर्ण महासभा परिवार और समाज का पूर्ण समर्थन हमें बल देगा और हमें विश्वास है कि वृहद महासभा परिवार और समाज हमारे साथ खड़ा रहेगा और शक्ति प्रदान करेगा।

स्थिति का जायजा लेने और आगे की रणनीति बनाने के लिए शीघ्र ही श्री सम्मेद शिखरजी प्रकरण पर

‘चिंतन बैठक’ बुला रहे हैं।  आप सभी से निवेदन है <[email protected]> or whatsapp (80761 56653).

पर  सुझाव और आने की सूचना एक सप्ताह के अन्दर प्रेषित करने के साथ-साथ चिंतन बैठक में भाग लेकर आगे की कार्यवाही निर्धारित करने में सहयोग देंगे, यह विश्वास है।

शीघ्र ही आपको चिंतन बैठक की तिथि, दिन, समय एवं स्थल की सूचना भेज दी जायेगी । श्री भारत वर्षीय दिगंबर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजराज जैन गंगवाल प्रकाश चंद जैन बड़जात्या ने सभी बंधुओं से सुविधा  अनुसार चिंतन बैठक में सहभागिता लेने का अनुरोध है

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