आम जनता की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार हो रहा निरंतर कार्य
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश ने विकास के अनेक क्षेत्रों में बढ़-चढ़ कर कार्य किया है। बीते लगभग दो दशक में आम जनता की आवश्यकताओं और राज्य की प्राथमिकताओं के अनुसार निरंतर कार्य हुआ है। जहाँ सड़क, पानी और बिजली के क्षेत्र में सुधार एक समय सबसे बड़ी जरूरत थी, वहीं अब इन तीनों सुविधाओं का स्तर कायम रखते हुए रोजगार, प्रदेश में निवेश संवर्धन, हितग्राही मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन, कृषि उत्पादन में वृद्धि और निर्यात अधिक प्रमुख कार्य हो गये हैं। प्रदेश के नागरिकों की समृद्धि सबसे बड़ा सपना है। इसके लिए निरंतर कार्य करना मेरे लिए सबसे अधिक मायने रखता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज न्यूज नेशन, राष्ट्रीय टीवी चेनल के “बढ़ता मध्यप्रदेश” में सहभागिता कार्यक्रम में प्रश्नों के उत्तर दे रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बढ़ता मध्यप्रदेश कार्यक्रम में सवालों के जवाब देते हुए मध्यप्रदेश की विकास की यात्रा का विस्तार से विवरण दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रतिदिन पौधे लगाने का उनका प्रकल्प अन्य लोगों को भी धरती बचाने के अभियान में संलग्न होने की प्रेरणा देना भी है। मध्यप्रदेश में “एक जिला-एक उत्पाद” से अनेक रोजगार धंधों और छोटे कारोबार को बढ़ावा देना है। स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आपदा के समय सबसे बड़ी जरूरत प्रभावित लोगों को लाभान्वित करना है। हाल ही में बाढ़ से घिरे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सेना सहित अनेक आपदा दल भेजे गए। मैंने स्वयं इन कामों की निगरानी की। प्रदेश की जनता के दुख-दर्द को खत्म करने के लिए मैं अपनी दिनचर्या में अधिक से अधिक समय जनता से जुड़े कार्यों के लिए ही रखता हूँ। मेरे दौरे भी ऐसे ही उद्देश्यों से होते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने चैनल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मध्यप्रदेश में कानून- व्यवस्था की मजबूत स्थिति बनाए रखने को प्राथमिकता दी गई है। पहले सिमी के नेटवर्क को ध्वस्त किया गया। आतंकी जेल तोड़ कर भागे तो उन्हें ढेर कर दिया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में डाकूओं को खत्म करने का काम किया गया। सरकार अपराधियों के लिए सख्त है। हम सज्जनों के लिए फूलों से भी ज्यादा कोमल और अपराधियों के लिए वज्र से भी कठोर हैं। नक्सलियों को भी नियंत्रित कर दिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बीते वर्षों में हुई प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में सिंचाई बढ़ी और सड़कें बनी। हम गेहूँ उत्पादन में नम्बर एक हो गए। जब प्रदेश में कोरोना की चुनौती सामने आई तो उसका भी मुकाबला किया। किसी भी आपदा की स्थिति में दिन रात कार्य करने को आदत बनाया है। जहाँ सुबह जल्दी ही अफसरों से बात करने का कार्य होता है वहीं जरूरत पड़ी तो रात्रि 2 बजे भी सिचुएशन रूम वल्लभ भवन पहुँच कर बाढ़ हालत की जानकारी लेना होती है। जब नागरिक खाई में गिरे तो तुरंत उत्तराखंड जाकर यात्रियों की सहायता को सुनिश्चित किया। ऐसे समय भूख, प्यास ही नहीं लगती, नींद भी नहीं आती।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि उन्होंने 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लॉक डाउन 24 मार्च को लग गया था। सभी कार्य बंद हो गए थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी का धन्यवाद और आभार मानते हैं कि उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में हम इस बड़े संकट का मुकाबला कर पाए। प्रदेश के किसी भी स्थान से मौत की खबर आती थी तो वहाँ दवा और ऑक्सीजन की व्यवस्था हो जाए, इसके प्रयास तत्काल होते थे। वो दौर खतरनाक था। गरीबों को उनके खाते में पैसे दिए। रोगियों का प्रभावी उपचार भी किया गया। ठीक से कार्य कर सफलता प्राप्त की गई। जन-सहयोग भी मिला, जिससे इस समस्या पर नियंत्रण हो सका।