इंजीनियर ब्रह्मचारी श्रेय भैया जी चले संयम पथ पर 2 अक्टूबर को भव्य जैनेश्वरी दीक्षा
कोटा ! जीवन के किसी भी पथ पर वैराग्य उपज सकता है संसार में रहकर मानव संसार को तज सकता है । छोटा सा तू कितने बड़े अरमान है तेरे मिट्टी का तू सोने के सब सामान है तेरे मिट्टी के काया मिट्टी में जिस दिन समायेगी ना सोना काम आएगा ना चांदी आएगी । जी हां आरके पुरम निवासी देव शास्त्र गुरु के परम भक्त उधारमना व्यवहार कुशल प्रभावशाली समाजसेवी श्री ज्ञान चंद जी जैन धर्मनिष्ठ मुनिभक्त विभिन्न धार्मिक संस्थाओं में निस्वार्थ भाव से सेवाएं समर्पित करने वाली श्रीमती श्रद्धा जैन के सुयोग्य सुपुत्र श्रेय जैन प्रारंभ से ही धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं आपने बी टेक तक शिक्षा प्राप्त की है जैन धर्म दर्शन में आप की विशेष रुचि शुरू से ही रही है। आरके पुरम त्रिकाल चौबीसी मंदिर में परम पूज्य आचार्य 108 विराग सागर जी महाराज के द्वय शिष्य परम पूज्य मुनि श्री 108 विश्रुत सागर जी एवं मुनि विश्वास सागर जी महाराज का भव्य ऐतिहासिक वर्षायोग 2015 में हर्षोल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ था ।ब्रह्मचारी श्रेय भैया के माता पिता ने राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार को जानकारी देते हुवे बताया कि परम पूज्य मुनि विश्रुत सागर जी महाराज के संयम तप त्याग और साधना से आप बहुत प्रभावित हुए उनकी चर्या देखकर श्रेय भैया ने आजीवन ब्रम्हचर्य व्रत धारण किया।पूज्य मुनि श्री ने अपने वरद हस्त कर कमलों से अपनी मयूर पिच्छीका श्रेय भैया को प्रदान की । मुनि श्री की अमृत वाणी ने श्रेय भैया के जीवन मे वैराग्य का बीज बो दिया ।मध्यप्रदेश के पन्ना शहर में इस वर्ष 2022 का वर्षायोग मुनि श्री विश्रुत सागर जी महाराज ससंघ का विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानो के साथ चल रहा है। जहाँ 2 अक्टूबर 2022 को बाल ब्रह्मचारी श्रेय भैयाजी को भव्य जैनेश्वरी दीक्षा मुनि श्री विश्रुत सागर महाराज के वरद हस्त कर कमलों से सैकड़ो श्रद्धालुओं की गरिमामई उपस्थिति में प्रदान की जाएगी।आपकी एक विवाहित बहन श्रीमती श्रुति जैन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया नागपुर मैं अस्सिस्टेंट मैनेजर है। पिता जी शिक्षा विभाग बारा में सीनियर सेकंडरी स्कूल में लेक्चर पद पर कार्यरत है। सम्पूर्ण भारत मे अनेकानेक साधु संतों के पावन सानिध्य में ब्रह्मचारी श्री भैया जी की गोद भराई एवम बिनोली का आयोजन हर्षोल्लास के मंगलमय वातावरण में किया जा रहा है कोटा के विभिन जैन मंदिरों में श्रेय भैया की बिलोनी एवम गोद भराई हर्षोल्लास के वातावरण में की जा रही है। इसी क्रम में बिनोली 18 सितंबर 2022 को सुबह 9 बजे आर के पुरम स्थित हाड़ौती की प्रथम त्रिकाल चौबीस मंदिर परिसर से श्री ज्ञान चंद जैन श्रीमती श्रद्धा जैन स्वनिवास A 747 आर के पुरम जाएगी।*
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
पारस जैन पार्श्वमणि
कोटा
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