स्वामी अखिलेश्वरानन्द ने की उज्जैन में गौ-शाला स्थिति की समीक्षा

मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं गौ-संवर्द्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि ने उज्जैन की गौ-शालाओं का निरीक्षण करने के साथ शासकीय एवं गैर शासकीय गौ-शाला के संचालकों की बैठक की। स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि ने प्रदेश की सभी गौ-शालाओं में लंपी का एक भी प्रकरण नहीं होने पर संचालकों की प्रशंसा की। उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी डॉ. एम.एल. परमार ने उज्जैन जिले की 24 शासकीय और 31 अशासकीय गौ-शालाओं की जानकारी दी। इन गौ-शालाओं में साढ़े दस हजार गौ-वंश हैं।

स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि ने बताया कि शासकीय और गैर शासकीय गौ-शालाओं में युद्ध स्तर पर गायों का टीकाकरण जारी है। गौ-शालाओं में 80 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण हो चुका है। प्रसन्नता की बात है कि अधिकांश गौ-शालाओं ने शत-प्रतिशत टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिया है। उन्होंने गौ-शाला संचालकों से कहा कि आगे भी साफ-सफाई और गौ-स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए। गौ-शाला से इतर यदि कोई गाय लंपी प्रभावित मिलती है, तो उसका भी अलग व्यवस्था कर इलाज करवाएँ। श्री गिरि ने बताया कि गुजरात और राजस्थान की सीमा से लगे जिलों में धारा 144 लगा कर पशुओं का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है।

गायों में लंपी बीमारी अधिक घातक नहीं है, यदि इसका समय पर उपचार हो तो पशुओं को बचाया जा सकता है। बीमार गाय के दूध में वायरस नहीं पाया गया है। उबाल कर यह दूध उपयोग में लिया जा सकता है। स्वामी श्री गिरि ने लोगों से अपील की कि जन्म-दिन, विवाह वर्षगाँठ और श्राद्ध आदि पर गौ-शालाओं के लिये चारा, भूसा, राशि आदि दान दें।

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