30 नवंबर से प्रारंभ हो रहे पंचकल्याणक महोत्सव स्थल पर भूमि शुद्धि विधान बड़े हर्षोल्लास के साथ किया
इंदौर ! (देवपुरी वंदना ) ” नर से नारायण”, आत्मा से परमात्मा बनने की प्रक्रिया का महोत्सव है पंचकल्याणक प्रतिक्रिया पंचकल्याणक तीर्थंकर भगवान के गर्भ में आने से लेकर मोक्ष जाने पर्यन्त विशिष्ट समारोहों के रूप में मनुष्य व देवताओं द्वारा यथासमय मनाए जाते हैं। ये कल्याणक इनके तीर्थंकर नामक सर्वातिशायी पुण्य प्रकृति के उदय से ही होते हैं, क्योंकि सामान्य केवलियों के वह नहीं होते। पंचकल्याणक तीर्थंकरों के ही होते हैं।
माऺ अहिल्या की पावन नगरी और जैन समाज का हृदय स्थल स्थित इंदौर शहर के श्री 1008 नेमिनाथ जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव जिसमें
विश्व की सबसे बड़ी स्फटिक मणि की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हेतु 30 नवंबर से 5 दिसंबर तक महावीर नगर में होने वाले श्री नेमिनाथ जिन बिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव स्थल की
भूमि शुद्धि विधान पूजन की मांगलिक क्रियाएं महोत्सव समिति के तत्वाधान एवं विधानाचार्य पंडित अनिल शास्त्री के निर्देशन में की गई।
इसअवसर पर महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री हंसमुख गांधी मूर्ति प्रदाता परिवार श्री आजाद कुमार जैन, अमित कुमार जैन एवं सीए श्री अशोक ममता खासगीवाला और भगवान के माता-पिता बने श्री पदम सरोज काला,सौधर्म इंद्र, इंद्राणी विकास सोनल जैन एवं पात्र नेमी कुमार एवं कृष्ण बने श्री श्री संजय अग्रवाल एवं अतिशय राजेश मुक्ता जैन परिवार, पूर्व पार्षद आशा – होलास सोनी, कीर्ति पांड्या सहित अनेक श्रावकजन की उपस्थिति मैं ऐतिहासिक पंचकल्याणक महोत्सव स्थल की भूमि शुद्धि विधान बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया।
राजेश जैन दद्दू
मीडिया प्रभारी