इंदौर समोशरण मंदिर के पंचकल्याणक महामहोत्सव का हर्षोल्लास के साथ आगाज
इंदौर ( देवपुरी वंदना ) ” तेरे पांच हुए कल्याण प्रभु मेरा भी एक कल्याण कर देना “पंचकल्याणक महा महोत्सव की बेला तत्व के उपदेश को ग्रहण करने की बेला है। इंदौर का सौभाग्य है कि उसे निरंतर पंचकल्याणक महोत्सव देखने और उसमें बैठकर भगवान की पूजा भक्ति
करने और पाषाण से परमात्मा बनने की विधि को देखने का सौभाग्य मिल रहा है। पंचकल्याणक महोत्सव में घूमने फिरने के लिए नहीं आत्म सुख की प्राप्ति एवं अपने अंदर बैठे भगवान की प्रतिष्ठा कैसे हो यह जानने सीखने के उद्देश्य से आएं तभी तुम्हारा पंचकल्याणक मैं आना सार्थक होगा।
यह विचार श्रुत संवेगी मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी महाराज ने श्री नेमिनाथ जिन् बिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रथम दिन महावीर नगर में आयोजित महोत्सव में आए हजारों भक्तों की उपस्थिति में व्यक्त किए। मुनि श्री ने कहा कि जो अपने मान अपमान की स्थिति में भी समता और शांति रखता है उसका व्यक्तित्व बड़ा होता है। पंचकल्याणक महोत्सव का शुभारंभ पूलक चेतना मंच के निर्देशन एवं मुनिश्री आदित्य सागर जी, अप्रमितसागर जी एवं मुनि श्री सहज सागर जी के सानिध्य में कनाडिया रोड के नए जैन मंदिर से प्रारंभ भव्य एवं विशाल घट यात्रा से हुआ, शोभायात्रा में 15 बग्घियों मैं सौ धर्म इंद्र इंद्राणी, कुबेर, भगवान के माता पिता, विधि एवं महायज्ञ नायक और अन्य प्रमुख पात्र बैठे थे। सैकड़ों की संख्या में पुरुष सम्मिलित हुए और महिलाएं सर पर मंगल कलश लिए एवं हाथों में जैन ध्वज लिए लहराते हुए एवं मंगल गीत गाते हुए चल रहीं थी। जुलूस में सम्मिलित कर्नाटक का प्रसिद्ध चिंडे बैंड अपने बाद्ध यंत्रों से सु मधुर ध्वनि एवं स्थानीय बैंड के कलाकार भजनों की गंगा प्रवाहित कर रहे थे।
जुलूस के महोत्सव स्थल महावीर नगर पहुंचने पर समाजसेवी श्री सुनील मीना जैन ने मुनि संघ के सानिध्य में ध्वजारोहण किया एवं दानवीर समाज श्रेष्ठी श्री राजेश सुखदयाल लारेल ने जयकारा और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मंडप का उद्घाटन किया। समारोह का संचालन श्री हंसमुख गांधी एवं पंडित अरविंद शास्त्री ने किया। इस अवसर पर पंडित रतनलाल शास्त्री, विधायक महेंद्र हार्डिया, एमआईसी मेंबर राजेश उदावत, पार्षद राजीव जैन,प्रदीप बड़जात्या,डॉक्टर जैनेंद्र जैन आदि समाज श्रेष्ठी उपस्थित थे।
राजेश जैन दद्दू
मीडिया प्रभारी