अनिल विश्वकर्मा ने जाति बदलकर जैन युवती से शादी की फिर 1 करोड़ 5 लाख ₹ की सौने की प्रतिमा की जगह पीतल की प्रतिमा रखी
जैन समाज के इतिहास में पहली बार ऐसे शातिर चोर देखें जो बचपन से ही हमें आस्था ,श्रद्धा ,भक्ति, सही, गलत ,पाप, पुण्य देने वाले भगवान को ही ना बक्क्षा रुपयों के लालच में उन्हीं के टुकड़े – टुकड़े कर न जाने कितनो की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर लाभ लिया होगा ऐसी ही विचारणीय घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद के कचनेर गांव स्थित जैन मंदिर से भगवान पार्श्वनाथ की 1 करोड़ 5 लाख सोने की 2 किलो 300 ग्राम वजनी मूर्ति की चोरी में पकड़ा गया शाहगढ़ निवासी मेडिकल स्टोर का संचालक अनिल विश्वकर्मा, शिवपुरी के मुख्य आरोपी अर्पित पिता नरेन्द्र के साथ कचनेर गया था। अनिल ने आधार कार्ड में जाति बदलकर नोहटा की एक जैन युवती को प्रेमजाल में फांसकर उससे कोर्ट मैरिज की थी।
इसके बाद वह जैन समाज के धार्मिक आयोजनों में जाने लगा। कुछ दिन पहले महाराष्ट्र पुलिस दोनों आरोपियों को सागर के मकरोनिया इलाके से पकड़कर ले गई थी। आरोपियों ने सोने की मूर्ति के टुकड़े कर बेचे थे। इससे मिली करीब 32 लाख की रकम से वे लग्जरी कार खरीदने की फिराक में थे।
दोनों चोर पहले से महाराष्ट्र पुलिस के रडार पर थे। मोबाइल लोकेशन के आधार पर वे पकड़े गए। जानकारी के अनुसार अर्पित जैन कुछ दिन पूर्व मंदिर में चातुर्मास के दौरान सौभाग्य सागर महाराज के साथ सेवक बनकर कचनेर गया था। वह मंदिर में चार महीने तक रुका।
चातुर्मास समाप्त होने के बाद वह मप्र आ गया और 20 दिन बाद फिर से कचनेर चला गया था। मंदिर में होने वाले अभिषेक के लिए सोने की मूर्ति को बाहर निकाला जाता था। फिर मूर्ति को उसी स्थल पर रख दिया जाता था। यह सारी जानकारी हासिल करने के बाद 14 दिसंबर को अर्पित मंदिर में रखी मूर्ति चुराकर उसकी जगह पीतल की मूर्ति रख गया था।
पीतल की मूर्ति वह राजस्थान के जयपुर से बनवाकर लाया था। पुलिस ने रविवार को दोनों को मकरोनिया से दबोचा था, जबकि स्थानीय पुलिस को चोरों की भनक तक नहीं लग पाई थी। चोरों ने मूर्ति के कुछ टुकड़े भोपाल में एक सराफा व्यापारी को बेचे थे। पुलिस ने उनके पास से 1 किलो 700 ग्राम सोने के टुकड़े और 70 हजार रुपए नकदी बरामद की है। सोने के टुकड़े बेचकर खरीदे गए सोने के सिक्के, इलेक्ट्रिक कटर, हथौड़ी आदि सामग्री जब्त हुई थी।
मंदिर कमेटी को सोने की मूर्ति बदले जाने की जानकारी तब लगी जब पीतल की मूर्ति ने अपना कलर छोड़ दिया। सोने की इस मूर्ति की कीमत करीब 1 करोड़ 5 लाख रुपए आंकी गई है। खुलासे के बाद महाराष्ट्र पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है। अभी और भी जिस खुलासे होने की उम्मीद है । क्योंकि मुख्य आरोपी अर्पित पिता नरेंद्र ने और भी कई जगह ऐसे कार्य किए होंगे ।