जन्म कल्याण


जन्म सभी लेते है पर जन्म को जो सार्थक करे वो जन्म लेना ही वास्तविक रूप से सही जन्म माना गया है । आज हमारे आराध्य देव श्री 1008 आदिनाथ स्वामी का जन्म कल्याण महोत्सव पर्व है यह जन्म कल्याणक क्या होता है ?
जन्म कल्याणक का मतलब है जो आत्मा सिध्य को प्राप्त हो गई है वो आत्मा अब इस दलदल रूपी संसार मे नही आयेगी !
इसलिये हम सब प्राणियों को भी अपने जन्म को सार्थक करना चाहिये तभी हमारा हमारे भगवान का जन्म कल्याणक बनना सार्थक होगा देखो जब से वो गर्भ में आये और जब तक उनकी जन्म क्रिया पूर्ण नहीं हुई तब तक उनकी सारी व्यवस्था स्वर्ग लोक से देवता गण करते थे पर जब अपने जन्म का महत्व जाना तभी उन्होंने दीक्षा लेकर अपना जन्मदिन को जन्म कल्याणक में बदल दिया और तब से लेकर उन्होंने अनन्त सुख को प्राप्त कर लिया इसलिये अगर हम भी अनन्त सुख को चाहते है तो हम को भी अपने जन्म को समझना होगा तभी हम भी अपने जन्म को सार्थक कर सकते है
ये जीवन ना जाने कितनी बार जन्म लेकर अपने जन्म को सिर्फ व्यर्थ ही गवाया है देखो आदि नाथ भगवान को जिन्होंने एक
नीलांजना का नृत्य देख कर उस मे मगन हो कर भी अपने को उस दलदल और शोक मौज में बिताया गया जीवन किसी बात का दुःख ना होने पर भी उन्होंने अपने जन्म की चिंता कि मेरी भी एक दिन मृत्यु हो जायेगी फिर से मुझे इस संसार मे ओर जन्म- मरण का दुःख भोगना पड़ेगा इसलिये मुझे यह दुःख नही भोगना मुझे अपना जन्म सफल करना है। और उन्होंने उसी क्षण उस सभा को छोड़ कर जंगल मे जा कर दीक्षा ग्रहण की और अपनी आत्मा में लीन होकर एक शुध्य आत्मा बन कर अपने कर्मों का क्षय कर के मोक्ष को प्राप्त किया
भगवान हम में भी वो सामर्थ हो जाये कि हमको भी अपने जन्म होने का एहसान हो जाये पर हम तो संसार के सुख मौज मस्ती में इतने मगन हो जाते है कि अपने जन्म को बेकार कर संसार बड़ा लेते हैं। और जब दुःख आता है तो हम सोचते है कि जन्म मरण छूट जाये पर हमे जब तक अपने जन्म की चिंता नही करेंगे तब तक हम इस संसार मे ही घुम कर और मोह करते करते अपना समय ऐसे ही गवाते रहेंगे जब – जब मोह का ताज पहनोगे तब तक मोहताज ही रहोगे इसलिए अपने जन्म को समझो जन्म लेने पर खुशियां तो मनाओ पर उसके साथ यह भी विचार करो मुझे मेरे जन्म की ज्यादा खुशियाँ मनानी है। और अपना जन्म कल्याणक मनाना है इस लिये आज आदिनाथ जन्म कल्याण पर सब अपने मानवीय जन्म होने पर विचार करे चिंतन करे और जो चिंतन करेंगे उसे चिता पर नही जाना पड़ेगा ।

झिलमिल जैन
( आस्था दीदी )✍🏻

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