श्री 1008 आदिवीर जिनालय कल्पतरू तीर्थ इंदौर मे 28 अप्रैल से 3 मई 2023 पंचकल्याणक महामहोत्सव
इंदौर ! (देवपुरी वंदना )
पंचकल्याणक, हमारे जैन ग्रन्थों के अनुसार वे पाँच मुख्य धाराएं हैं जो सभी तीर्थंकरों के जीवन से होकर गुजरती हैं। ये पाँच कल्याणक हैं ! गर्भ कल्याणक : जब तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है।
जन्म कल्याणक : जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है।
दीक्षा कल्याणक : जब तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते है।
केवल ज्ञान कल्याणक : जब तीर्थंकर को कैवल्य की प्राप्ति होती है। मोक्ष कल्याणक : जब भगवान शरीर का त्यागकर अर्थात सभी कर्म नष्ट करके निर्वाण (मोक्ष) को प्राप्त करते है।
यह आत्मा से परमात्मा बनने की प्रक्रिया का महोत्सव है। पौराणिक पुरुषों के जीवन का संदेश घर-घर पहुँचाने के लिए इन महोत्सवों में पात्रों का अवलम्बन लेकर सक्षम जीवन यात्रा को रेखांकित किया जाता है।
इसी भावना को प्रतिपादित करते हुए।
मध्यप्रदेश प्रांत की पावन नगरी इंदौर शहर की पुण्यधरा पर देव शास्त्र, गुरु के चरणों में समर्पित महातीर्थ इंदौर इंद्र नगरी में श्रावक श्रेष्ठी परिवारों के द्वारा भव्यति भव्य स्तर पर
श्री 1008 आदि वीर चौबीसी तीर्थंकर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा
महामस्तकाभिषेक एवं विश्वशांति महायज्ञ पंचकल्याणक -आगामी 28 अप्रैल से 3 मई 2023
तिथि-वैशाख शुक्ला अष्टमी से वैशाख शुक्ला पूर्णिमा
समस्त जैन समाज को सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि संपूर्ण समाज के नेतृत्व में देव जिनालय
शास्त्र, स्वाध्याय भवन, संत भवन यात्रियों के लिए संपूर्ण उत्कृष्ट व्यवस्था के साथ कल्पतरु तीर्थ का निर्माणाधीन हैं ऐसे महातीर्थ इंदौर में जगत पूज्य परम पूज्य आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी की सद प्रेरणा व आशीर्वाद से मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी, मुनि श्री 108 अप्रतिम सागर जी, मुनि श्री 108 सहज सागर जी की प्रेरणा एवं सान्निध्य में आप सभी के निर्देशन में भव्य स्तर पर त्रिकाल चौबीसी के 72 एवं भगवान श्री 1008 आदिनाथ, श्री 1008 महावीर चंद्र प्रभु, श्री 1008 मुनिसुव्रत नाथ, श्री 1008 शांतिनाथ , भगवान श्री 1008 भगवान श्री 1008 पार्श्वनाथ ऋषभसेन आदि तीर्थंकर तथा चतुर्थ कालीन सम प्रतिकर सहित श्री चंद्र प्रभु भगवान के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जिनालय के जिनबिंबो जिनपंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया गया है। सम्पूर्ण जैन समाज के समस्त परिवारजनों की भावना व प्रेरणा से इंदौर कल्पतरू तीर्थ में होने वाले इस पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में इन्द्र-इन्द्राणी बनने का प्रथम बार एक साथ 108 प्रतिमाओं के महा मस्तकाभिषेक में एक कलश अभिषेक करने का सौभाग्य अवश्य प्राप्त करें।
निर्देशन विद्वत श्रेष्ठ आदरणीय बा. ब्रह्मचारी रतनलाल जी पंडित जी व प्रतिष्ठाचार्य पंडित दीवान जी जैन के दिशा निर्देशन में
इन्द्र-इन्द्राणी बनने की निम्न प्रकार सहयोग राशि है या आप अपनी लगन व महामना शक्ति से प्रमुख पात्र जरूर बने सहयोग राशि मूलनायक प्रतिमा विराजमान कर्ता भगवान महावीर स्वामी की सवा 6 फीट पद्मासन प्रतिमा विराजमान जो अपनी और से करना चाहे मात्र1,10,0000/- सहयोग राशि
सौधर्म इन्द्र 3,10,0000/_
माता – पिता 5,510000/_
कुबेर पात्र 700000/_
महायज्ञनायक 350000/_
यज्ञनायक 300000/_
ईशान इन्द्र 275000/_
सानतकुमार 251000/_
माहेन्द्र 251000/_
ब्रह्मेन्द्र 71000 /- 16
आदि 12 प्रमुख 21000/-
भरत चक्रवर्ती 100000/-
बाहुबली चक्रवर्ती 100000/-
विशेष इन्द्र- (प्रत्येक) प्रतीन्द्र-11000/-सामान्य इन्द्र-31,00 /-महामंडलीक
21,000/-
मंडलीक राजा-21,000 (प्रत्येक)
अष्ट कुमारी 11,000 रूपए
निलांजना मात्र 31,000 मात्र 2
लौकांतिक देव 5,500 रूपए
सामान्य इंद्र इंद्राणी की जोड़े की राशि मात्र 3100 /_ रूपए
एकल इंद्र या इंद्राणी राशि मात्र 2100/ रखी है जिसमे वस्त्र भोजन पूजन आदि व्यवस्था कमेटी की ओर से रहेगी।
पुण्यधरा श्री 1008 आदि वीर जिनालय कल्पतरू तीर्थ
(जंबूडी हप्सी रोड ) श्री 1008 दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र गोम्मटगिरी के पीछे इंदौर
72 प्रतिमाओ के प्रथम कलश करने के लिए शीघ्र संपर्क करें।
विशेष निर्देशन सहयोगी श्री दिगंबर जैन समाज इंदौर
निवेदन आयोजक
श्री 1008 आदि वीर जिनालय कल्पतरू तीर्थ कमेटी इंदौर ।
विस्तृत जानकारी के लिए
संपर्क करें:-
9926212509
9131354233,
7987739910 9826464500 9826039150,