इंदौर की जैन पाठशालाओं में सेवाएं दे रहे हैं शिक्षक – शिक्षिकाओं का सम्मान समारोह
इंदौर ! (देवपुरी वंदना ) आज के इस भौतिक युग में धर्म – समाज में संस्कार, संस्कृति , मै दूरी होती जा रही है। भौतिक पढ़ाई हेतु कई विद्यालय मौजूद हैं, उनकी संख्या में प्रतिदिन वृद्धि भी होती जा रही है। बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर जीवन में आगे बढ़ने के अवसर भी पा रहे हैं, पर क्या शांत, निर्मल, स्वच्छ, सुंदर जीवन, तनाव रहित जीवन का भी ज्ञान पाया ? अपने धर्म के मूलभूत सिद्धांतों की जानकारी बिना कई बच्चे धर्म को पहचान भी नहीं पाते धर्मनिष्ठ संस्कारों से आत्मा को पल्लवित किए बिना धर्ममय जीवन संभव नहीं।
‘सम्यगज्ञान’ की ज्योति के विकस में संस्कार शाला का विशेष योगदान होता है। धार्मिक शिक्षा के बिना संस्कारों का शुद्धिकरण संभव नहीं। ज्ञान की प्याऊ जैसी संस्कार शाला, बच्चों को पवित्र पद पर स्थापित करती है।
जिस शक्कर में मिठास नहीं,
वह शक्कर नहीं,
जिस पुष्प में सुवास नहीं,
वह पुष्प नहीं,
जिस औषध में गुण नहीं,
वह औषधि नहीं,
और जिस मानव में सद्ज्ञान नहीं, वह मानव नहीं।
ऐसे ही सदज्ञान-सम्यकज्ञान को प्राप्त कराती है “संस्कारशाला”।
सम्यगज्ञान की धारा से आप्लावित व्यक्ति अपने घर को प्रेम मंदिर बनाता है। जीवन जीने की कला सिखाती है “संस्कार शाला – धार्मिक पाठशाला”।
बच्चों में आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराने के उद्देश्य से ज्ञानशाला का संचालन किया जाता है। इन ज्ञानशाला में जैन जीवन शैली और जैन तत्वों की प्राथमिकता जानकारी देकर बच्चों को धार्मिक जीवन पद्धति की ओर उन्मुख किया जाता है।
संपूर्ण देश में पाठशाला का संचालन किया जाता है
जैन समाज के हृदय स्थल इंदौर शहर में भी पाठशाला द्वारा आने वाली पीढ़ी को धर्म संस्कार संस्कृति से परिचित कराने का दायित्व पाठशाला की शिक्षक – शिक्षिकाएं बह खुबी ढंग से निभाते आ रहे हैं। उनकी समाज सेवा को और प्रोत्साहित करने हेतु। जैन दिवाकर विचार मंच दिल्ली इंदौर में संचालित हो रही जैन पाठशाला के माध्यम से समाज के नए पौध को धार्मिक संस्कार, आचरण एवं ज्ञान बाल्यकाल से ही मिल रहा है जिस से उनके जीवन मैं आदर्शता के साथ जैन सिद्धांत के प्रभाव से समुचित व्यक्तिव विकास हो रहा है। हम ऐसे सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का सम्मान करना चाहते हैं जो इन पाठशाला मैं अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इंदौर जैन समाज के श्रेष्ठी सर्वश्री अशोक मेहता, मानसिंह नाहर, संतोष मामा, सुभाष विनायका, श्रीमती शांता भागवत, डॉ.उत्तम जैन, डॉ. सी.एस मोगरा सहित अन्य साथियों ने भी इंदौर जैन समाज से आव्हान किया है कि आप अपने आसपास सभी संचालित होने वाली जैन पाठशालाओ के शिक्षक – शिक्षिकाओं की आवश्यक विस्तृत जानकारी सहित श्रीमती कल्पना पटवा को मोबाइल नंबर 7000390122 पर शीघ्रता से देव ,शास्त्र ,गुरु ,संस्कार ,संस्कृति ,के रक्षार्थ अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दे अपने कर्तव्यो को पूर्ण करें ।