16 जून कोलकाता में प्रज्ञा दिवस समारोह में मुख्य वक्ता प्रो. नलिन के. शास्त्री
कोलकाता ! युग प्रधान प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञजी का 104वां जन्मदिवस, प्रज्ञा दिवस समारोह के रूप में शुक्रवार 16 जून 2023 को कोलकाता में मनाया जाएगा। जी. डी. बिर्ला सभागार 29, आशुतोष चौधरी एवेन्यु कोलकाता 19 में साउथ कलकत्ता श्री जैन श्वेतांबर तेरह पंथी सभा द्वारा आयोजित समारोह में आचार्य श्री महा श्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री जिनेशकुमारजी ठाणा के सान्निध्य में मुख्य वक्ता जैन जगत के वरिष्ठ विद्वान चिंतक, विचारक,ओजस्वी वक्ता व शब्दों के जादूगर प्रो. नलिन के. शास्त्री लाडनू होंगे । समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ.राजेशकुमार आई.पी.एस. व उद्योगपति श्री उमेश चौधरी सहित बड़ी संख्या में समाजजन सम्मिलित होंगे।
हमारे आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी
जन्म 14 जून 1920 तमकोर
देह त्याग 9 मई 2010
सरदारशहर , राजस्थान आचार्य श्री महाप्रज्ञ समाधि स्थल सरदारशहर (अध्यात्म का शांति पीठ
अभिभावक टोला राम चोररिया
संप्रदाय श्वेताम्बर
पूर्वज आचार्य तुलसी
उत्तराधिकारी आचार्य महाश्रमण
उन्होंने दस वर्ष की आयु में एक जैन भिक्षु के रूप में अपने धार्मिक प्रतिबिंब और विकास के जीवन की शुरुआत की । महाप्रज्ञ ने 1949 में अपने गुरु आचार्य तुलसी द्वारा शुरू किए गए अणुव्रत आंदोलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई , और 1995 में आंदोलन के स्वीकृत नेता बन गए। आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने 1970 के दशक में सुव्यवस्थित प्रेक्षा ध्यान प्रणाली तैयार की, और “जीवन जीने का विज्ञान” शिक्षा प्रणाली विकसित की जो एक छात्र के संतुलित विकास और उसके चरित्र निर्माण के लिए एक व्यावहारिक दृष्टिकोण है।
उन्होंने 10,000 से अधिक गांवों को पैदल चलकर 100,000 किमी से अधिक की यात्रा की और सद्भाव और शांति का संदेश फैलाने वाले लोगों तक पहुंचे। उन्होंने गुजरात के कच्छ जिले से कोलकाता और पंजाब से कन्याकुमारी तक पूरे भारत में भ्रमण किया । महाप्रज्ञ ने यह यात्रा आचार्य तुलसी के नेतृत्व में और बाद में स्वयं नेता बनकर की। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने हजारों जनसभाओं को संबोधित किया। अहिंसा के दूत महाप्रज्ञ ने 2001 में अहिंसा और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अहिंसा यात्रा आंदोलन शुरू किया जो 2009 तक जारी रही