क्षुल्लक श्री 105 पर्व सागर जी 20 जून से विश्व मैत्री धर्म प्रभावना यात्रा पर यूनाइटेड किंगडम जाएंगे

 

पानीपत !देवपुरी वंदना) समाधिष्ट राष्ट्रसंत आचार्य श्री 108 तरुण सागर जी के एकमात्र शिष्य क्षुल्लक श्री 105 पर्व सागर यू.के .में विश्व मैत्री धर्म प्रभावना यात्रा पर 20 जून को जाएंगे। यह जैन समाज के लिए गर्व की बात है कि भारत देश से पहला मौका है कि जैन समाज के संत यू.के. के 5 शहरों में अहिंसा व भारतीय संस्कृति पर प्रवचन करेंगे। क्षुल्लकश्री पर्व सागर जी विगत 8 जून से आचार्य श्री108 तरुण सागर के गुरु पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता गणाचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर के साथ पानीपत में विराजित हैं। आप 20 जून 2023 को यू‌.के .(यूनाइटेड किंगडम) पहुंचेंगे। लगभग 10 दिनों के प्रवास में वे लंदन, बर्मिंघम, लीसेस्टर, कोवेंट्री और मैनचेस्टर आदि शहरों में प्रवचन करेंगे ।
कर्नाटक प्रांत के तीर्थ क्षेत्र धर्मस्थल में मुनि तरुण सागर के शिष्य ब्रह्मचारी सतीश भैया जी ने क्षुल्लक पर्व सागर की उपाधि धारण कर ली। ब्रह्मचारी सतीश भैया को वर्ष 2007 से गुरु तरुण सागर के चरणों की सेवा का आशीष प्राप्त हुआ और शिक्षा भी प्राप्त की । बसंत पंचमी को धर्मस्थल कर्नाटक में भव्य क्षुल्लक दीक्षा समारोह मे दिगंबरत्त्व की तरफ अपना रास्ता तय किया। तरुण सागर महाराज के सपने को पूरा करना ही मुख्य उद्देश्य है ब्रह्मचारी सतीश भैया को राष्ट्रीय संत क्रांतिकारी मुनिश्री 108 तरुण सागर महाराज के गुरु आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज ने दीक्षा प्रदान की थी तब से ब्रह्मचारी सतीश भैया जी की पहचान क्षुल्लकश्री पर्व सागर के रूप में हो गई । क्षुल्लक पर्व सागर जी का कहना है कि दीक्षा लेने का मुख्य उद्देश्य आत्म कल्याण और मेरे गुरु राष्ट्र संत क्रांतिकारी व कड़वे प्रवचन के नाम से विख्यात आचार्य श्री तरुण सागर महाराज जी के अधूरे सपने को पूरा करना है।

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