पुस्तक समीक्षा – बहु उपयोगी आवश्यक सभी जानकारियों का एक साथ समावेश ”जैन जनकल्याण क्षेत्र”
उ.प्र. ! ( देवपुरी वंदना ) विगत दिवस श्री 1008 आदिनाथ भगवान जी के गर्भ कल्याणक के पावन अवसर पर 24 जैन तीर्थँकरों के कल्याणक क्षेत्रों की जानकारी देने हेतु श्री धीरज जैन जी द्वारा संकलित “जैन कल्याणक क्षेत्र” पुस्तक के श्री जैन मंदिर जी, निर्माण विहार, दिल्ली में प. पूज्य उपा. श्री 108 गुप्ति सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में दिल्ली, बड़ौत, जयपुर, महाराष्ट्र, खतौली व अन्य शहरों से उपस्थित जैन समाज के गणमान्यों की उपस्तिथि में पुस्तक विमोचन के आयोजन की कुछ झलकियां
पुस्तक के बारे में:
1. वर्तमान चौबीसी के चौबीस तीर्थंकर भगवान के 24×5= 120 कल्याणक हुए हैं और संयोग की बात यह है कि ये सभी 120 कल्याणक कुल 24 तीर्थ क्षेत्रों पर ही हुए हैं जिनकी सचित्र जानकारी इस पुस्तक में है।
2. साथ ही पंच कल्याणक, सोलह कारण भावनाओं, अष्ट प्रतिहार्य आदि का भी आगम सम्मत वर्णन है जो कि प्राचीन ग्रंथों के आधार से लिया गया है ।
3. इसके अतिरिक्त इन सभी चौबीस तीर्थ क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को रुकने हेतु धर्मशाला, भोजन व्यवस्था,आसपास के जैन मंदिरों की जानकारी उनके फोन नंबर एवं एड्रेस के साथ दिए गए हैं।
4. इन सभी 24 तीर्थ क्षेत्रों पर पहुंचने के साधन, नजदीकी रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि की जानकारी समाहित है। साथ ही कुछ मुख्य ट्रेन नंबर भी दिए गए हैं ।
5. पुस्तक में तीर्थ क्षेत्रों से जुड़े हुए प्राचीन एवं मनभावन भजन भी दिए गए हैं , जिन्हें गुनगुनाकर तीर्थ यात्रा करते समय आनंद दुगुना हो जाएगा।
6. जगह जगह पर जैन धर्म की सुंदर सुंदर गाथाएं, श्लोक, वाक्य आदि भी समाहित करे गए हैं।
7. पुस्तक में एक बड़ी सुंदर सी प्रश्नोत्तरी रखी गई है जिसमें लगभग 25 प्रश्न हैं। जिन्हें हल करने में निस्संदेह ही आनंद आएगा।
यह पुस्तक एक कोशिश है इन पवित्र तीर्थ क्षेत्रों की महिमा के बारे में बतलाने की और इन कल्याणक क्षेत्रों की वंदना के लिए उत्साहित करने की। आशा है कि यह पुस्तक उपयोगी लगेगी तथा आपकी तीर्थ यात्रा में सहायक बनकर हमारे इस प्रयास को सार्थक करेगी।
श्री धीरज जैन जी का आभार व साधुवाद🙏🏼
पुस्तक प्राप्ति स्थान
श्री गणेश वर्णी दिंगबर जैन संस्थान , नरिया, वाराणसी
( उ. प्र.)
संपर्क सूत्र: 7505068516
सचिन जैन, ✍🏻
बड़ौत उत्तरप्रदेश
9311262434