गिरनार तीर्थ क्षेत्र के लिए 20 से 23 अगस्त तक देश भर में ”गिरनार पर्व ” मनाएंगे …
इंदौर ! जैन समाज की पवित्र एवम प्राचीन धरोहर तीर्थ क्षेत्र गिरनार जो कि हमारे 22 वे तीर्थंकर भगवान श्री 1008 नेमिनाथ की मोक्षस्थली है। इस तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा एवम संवर्धन को लेकर अंतर्राष्ट्रीय जैन संघ की ओर से सकल जैन समाज की एक राष्ट्रीय ऑनलाइन बैठक विगत दिवस 30 जुलाई को आयोजित की गई जिसके सन्दर्भ में राजेश जैन संयोजक अंतर्राष्ट्रीय जैन संघ ने बताया कि इस तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा एवं अधिकारों को लेकर संघर्षरत विभिन्न पदाधिकारियों सहित देश भर के जैन समाज के इस विषय मे चिंतित सक्रीय सदस्य शामिल हुए। बैठक में गिरनार तीर्थ क्षेत्र की यथास्थिति एवम समाज के मजबूत कानूनी पक्ष को रखा गया तथा गिरनार तीर्थ क्षेत्र का नाम बदलकर दत्तात्रेय रखे जाने के गुजरात सरकार के प्रस्ताव को न मानते हुए पूर्ववत ऐतिहासिक नाम गिरनार ही रखे रहने के लिए कानूनी लड़ाई तक लड़ने पर विचार विमर्श हुआ वही माननीय न्यायालयों के निर्णय के बावजूद भी न्यायालय के निर्णयों की अवमानना करते हुए किये गए अवैध निर्माणों की जानकारी सामने रखी गई एवम इन्हें हटवाने तथा 1910 की स्थिति बहाल कराने कानूनी एवम सामाजिक स्तर पर कार्य किये जाने पर सहमति बनी। वही इस विषय पर वर्षो से संघर्षरत सीनियर एडवोकेट खिल्लिमल जैन ने पुरातत्विक सहित विगत 300 सालों से पहले के गिरनार जी तीर्थ क्षेत्र के जैनों के होने के मजबूत प्रमाण सबके सामने रखे इसमें इन्होंने बंडी लाल जैन कारखाना द्वारा गिरनार जी तीर्थ क्षेत्र के पुनरोद्धार हेतु वहां के तत्कालीन नवाब से ली गई अनुमति तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संघठन की 1900 में जारी वह समस्त रिपोर्ट सामने रखी जो कि गिरनार तीर्थ क्षेत्र को केवल ओर केवल जैन तीर्थ क्षेत्र होना सिद्ध करती है। वही सागर के एडवोकेट अरविंद जैन ने धीमी न्यायालयीन प्रक्रिया पर अपना असन्तोष जताया जिसे तेज करने जैन वकीलों की एक राष्ट्रीय फोरम बनाने का सुझाव दिया। जैन समाज के अग्रणी एवम वरिष्ठ निर्मल चंद जैन पटौदी इंदौर ने विभिन्न समयो में कमेटियों द्वारा इस दिशा में किये गए प्रयासों को उद्धरित किया वही किसी ठोस रणनीति बनाने पर भी जोर दिया जैन समाज के वरिष्ठ स्वदेश भूषण की भी गरिमामयी उपस्थिति बैठक में रही जिसमे उन्होंने पूरे उत्साह एवम सक्रियता के साथ गिरनार जी पर कार्य करने को कहा। वही गिरनार जी तीर्थ की शीघ्र सुरक्षा एवम सम्वर्धन हो इसके लिए आगामी 20 अगस्त से 23 अगस्त तक प्रत्येक ग्रामो नगरों , शहरों में तथा जहां जहां आचार्य संघ या मुनि संघ अथवा आर्यिका संघ विराजमान है उनके सानिध्य में इन दिनों में “गिरनार पर्व ” बड़ी धूमधाम से मनाया जाए क्योंकि इन्ही तिथियों में ” 20 अगस्त को रविवार, 22 अगस्त ” को भगवान नेमिनाथ का जन्म एवम तप कल्याणक है तथा 23 अगस्त को मुकुट सप्तमी के दिन भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक है। इसी दौरान गिरनार जी मे एक ” “जैन कुम्भ ” प्रतिवर्ष के लिए प्रारम्भ किया जाए जिसमे देश भर से हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचे। वही योगाचार्य नवीन जैन द्वारा गिरनार जी तीर्थ क्षेत्र के प्रति अपने कानूनी पक्ष सहित जैन समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से एक “गिरनार तीर्थ रथ यात्रा ” निकाली जाए जो कि भगवान नेमिनाथ के जन्मकल्याणक पर दिल्ली से प्रारम्भ होकर उनके निर्वाण कल्याणक पर गिरनार जी मे निर्वाण लाडू चढ़ाने के साथ सम्पन्न हो। इन समस्त कार्यो के लिए देश भर की समस्त मंदिर कमेटियां अपना अपना सहयोग सुनिश्चित करने के लिए एक “गिरनार फण्ड “के लिए अलग से मंदिर में स्वयं से गुल्लक रखकर एक एक श्रावक की दान राशि को एकत्रित कर उनके भावों को गिरनार से जोड़े। गिरनार जी की पांचवी टोंक तक श्वेताम्बर एवम दिगम्बर दोनों वर्ग समान रूप से वंदना को जाए। न कि सिर्फ अपनी अपनी टोको के दर्शन तक सीमित रहे ताकि भगवान नेमिनाथ के चरणों पर दोनों वर्गों का समान अधिकार निरूपित हो। वही इंदौर के गोम्मटगिरी तीर्थक्षेत्र की बाउंडरी वाल शीघ्र बनाने हेतु सकल जैन समाज ने शासन एवम प्रशासन से सहयोग की अपील की।बैठक में दिल्ली से एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट मनोज जैन , अरविंद जैन , डॉक्टर मनोज जैन,गुजरात सूरत से हितेश भाई , अहमदाबाद से अजय जैन मिल्टन , अहिंसा योग फॉउंडेशन संस्थापक नवीन जैन बरेली , पश्चिमी बंगाल से साहिल जैन , किशनगढ़ ,सागवाड़ा के साधर्मी बंधु ,भारतवर्षीय दिगम्बर जैन सनरक्षिणी सभा से यतीश जैन, कर्नाटक से उमेश जैन, तमिलनाडु से विमल जैन, हरियाणा से विकास जैन, मध्यप्रदेश से ब्र विनय भैया , दमोह से सत्येंद्र जैन,शैलेश जैन कटनी , जिनेन्द्र जैन जबलपुर , भोपाल से आलोक जैन , रीवा से मनीष जैन आदि सहित देश के कई राज्यो के प्रतिनिधि उपस्थित थे।