जैन तीर्थ पर जैन युवक सांप्रदायिकता के आरोप में अभी तक जेल में ..?
इंदौर .! ( देवपुरी वंदना ) जैन समाज की ट्रस्ट कमेटी के पदैन पदाधिकारी अपनी महत्वाकांक्षा के चलते समाज के साथियों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं मात्र बस सिर्फ अपने रूपयों के दम जैन गरीब को चीटियों की तरह मसलने की चाहत रखते हैं व अपने नाम पद को कायम रखना चाहते हैं जिसका ताजा ताजा उदाहरण महावीर जी का झंडा प्रकरण है । विगत 6 दिनों से संदीप जैन जिसने समाज की इंसानियत्ता के नाते तीर्थ क्षेत्र पर हो रहे अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अन्य समाज का झंडा लगाने के बाद अपनी सामाजिक संस्कार संस्कृति पर हो रहे आघात को अन्य सामाजिक , धार्मिक बंधुओं सूचित करना उसके जीवन का सबसे बड़ा गुनाह हो गया जिसका परिणाम वह अभी तक भुगत रहा है क्योंकि वह और उसका परिवार गरीब परिवार से आता है क्या अब वह और उसका परिवार तीर्थ क्षेत्र के प्रति या समाज के अब अभी अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार रहेगा ?
अभी तक तो चलो तीर्थ क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों पर अपनी गरीबी के करण वेतन पर अपने धार्मिक स्थलों पर रहकर धनवानो की सुविधा बरकरार रख रहे थे । मगर क्या अभी भी ऐसे ही ट्रस्ट कमेटी के कारण वहां के जैन कर्मचारियों पर किस तरह कभी भी आरोप – प्रत्यारोप लगाते हुए अपराधी के कानूनी दांव पेच में अपने बचाव के लिए उलझ सकते हैं ।
महावीर जी तीर्थ कमेटी से बस यही जानकारी चाहिए थी
ट्रस्ट ने अपने बचाव के लिए
अन्य समाज के द्वारा किए गए
अपनी संस्कार संस्कृति पर किए गए गलत कृतियों को प्रोत्साहित करते हुए जैन युवा के साथ खिलवाड़ कर आपको क्या मिला आपकी जिम्मेदारी सभी समाज को तभी पता चल गई थी जब ट्रस्ट कमेटी ने दो अलग-अलग स्पष्टीकरण दिए थे
घटना के दूसरे दिन झंडा लगाने वालों को धार्मिक भावा वेश का
उसको मेडल दिया गया ।
और 5 दिन बाद उसे अज्ञात व्यक्ति बताया यहां तक तो ठीक
तीर्थ क्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राष्ट्रीय महामंत्री ने झंडा फहराने वालों को गलती से ऐसी हरकत करने का तोहफा देते हुए अभी तक उसे बाहर घूमने के लिए छोड़ दिया ? क्या महावीरजी तीर्थ क्षेत्र पर इतने सुरक्षा कर्मी की आंखों से व वहां पर लगे सुरक्षा कैमरे सिर्फ आपने खाना पूर्ति कर मौन क्यों हो गए ?
और संदीप जैन को सांप्रदायिकता के नाम के कपड़े पहना कर उसे पर आरोप सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास की भी धारा लगाते हुए ट्रस्ट कमेटी ने अपना बचाव कर लिया क्योंकि ट्रस्ट कमेटी में वकील पुलिस सब घर के हैं जैसा पदैन पदाधिकारी अपनी सोच समझ की दृष्टि को
दौड़ाते हुए किसी की भी परवाह न किए बगैर अपने निठल्ले स्वभाव के कारण अपने जैन धार्मिक क्षेत्र को सर्वधर्म समाज की और आसानी से अग्रसर कर दिया वह भी मात्र अपने पद को बचाने के लिए ।
देवपुरी वंदना अपनी जिम्मेदारी को निर्वहन करते हुए देश के सभी सामाजिक बंधुओ से आग्रह करता है कि आप सभी अपने संस्कार संस्कृति की पहचान रखने वाले तीर्थ क्षैत्र को बचाने के लिए अपनी उदासीनता को छोड़ आगे आने का आग्रह करता है।