मानवाअधिकार द्वारा मुनि निंदक के आरोपों से घिरे डॉक्टर योगेश जैन को दिलवाया मुआवजा

इंदौर! (देवपुरी वंदना ) प्रातः स्मरणीय आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी की क्रिया पर टिप्पणी और उच्च न्यायालय के निर्णय से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है विगत 3 जनवरी 2021 को भोपाल के एक खुले प्रांगण में आचार्य श्री के प्रमुख अनुयायियों द्वारा निर्णय लेने के पश्चात डॉक्टर योगेश जैन के खिलाफ मध्य प्रदेश के कई शहरों के पुलिस थाने में एफ. आई .आर. दर्ज कराई गई और शासन पर दबाव बनाया
जिसके फलस्वरूप सामाजिक बंधुओं के निजी दबाव के चलते मुनि निंदक की संज्ञान स्वरूप डॉ योगेश जैन पर पुलिस की कार्रवाई हुई । अजैन पुलिस कर्मियों के व्यवहार से कौन नहीं वाकिफ है और जिस पर आर्थिक लाभ प्रभाव रहता है फिर तो वह तो सही गलत को भी ताक में रख कर किसी को भी नहीं छोड़ता हे जिस समय चक्र में यह घटना घटित हुई तब की स्थिति से कोई जानकार भी नहीं है । शर्मिंदगी भरी घटनाक्रम के पश्चात तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस प्रशासन ने डॉक्टर योगेश जैन को जेल तक भेज दिया जिसे मीडिया और डॉक्टर योगेश जैन द्वारा प्रशासन को सही गलत से अवगत कराया जिससे कुछ दिनों बाद अपनी गलती पर पर्दा डालते हुए मानव अधिकार आयोग ने डॉ योगेश जैन के बयान लेने उनके निवास स्थान पर पहुंची ।
मानवाधिकार आयोग की टीम ने दर्ज किए बयान‌ मानवाधिकार हनन के मामले की जांच करने विगत 26 जून 2023 को आयोग का एक दल सीनियर आईपीएस अधिकारी की निगरानी में अलीगंज पहुंच कर उचित स्पष्ट जांच में पुलिस प्रशासन द्वारा कि गई एक तरफा कारवाई से पर्दा उठाते हुए मानव अधिकार आयोग द्वारा डॉ योगेश जैन को मध्य प्रदेश सरकार को ( दो लाख ) ₹200000 मुआवजा दिए जाने की रिपोर्ट सौंपी है जिसमें 6 सप्ताह में आयोग द्वारा दिए गए जांच वह मौज दी जाने को निर्देशित किया है और साथ ही साथ उत्तर प्रदेश सरकार को भी सीबीसीआईडी से जांच करने के निर्देश क्या है मानव अधिकार आयोग ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रत्यक्ष दर्शियों के भी बयान दर्ज किए व परिजनों की शिकायत व दर्ज कारवाई की फिर के मामले में तत्कालीन अलीगंज थाना प्रभारी पंकज मिश्रा और जांच अधिकारी संजय सिंह को भी आयोग ने तलब किया और बयान दर्ज किया डॉक्टर योगेश जैन का आरोप है कि कोरोना काल में उनके द्वारा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज पर टिप्पणी करी थी जिसके विरोध में उन पर मुनि निंदक होने का आरोप लगाकर मध्य प्रदेश के भोपाल, टीकमगढ़ विदिशा ,सागर सहित कई जगहों पर आचार्य श्री के मुख्य प्रमुख अनुयायियों द्वारा एफ.आई.आर. दर्द करवाई गई थी मानव अधिकार आयोग द्वारा जांच की गई जांच में पीड़ित डॉक्टर योगेश जैन को सफलता मिली ।

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