इंदौर जैन समाज अपनी धरोहर को बचाने के लिए हुआ दृढ़ संकल्पित
इंदौर! (देवपुरी वंदना ) अपने हक के लिए स्वयं को अपना वर्चस्व दिखाना होगा जैन समाज की धड़कन इंदौर शहर का जैन समाज अपनी पुरानी पैठ में पिछड़ते जा रहा है फिर यहां तो अपने हक की बात है जैन समाज राजनीतिक दलों के इस रवैये से आहत भी है । और खुद को अपमानित भी महसूस कर रहा है अपने संस्कार ,संस्कृति ,धर्म ,
समाज व अपनी प्राचीन धरोहर पर हावी होते अन्य समाज के बन्धुओं के अवैध कब्जे स्थानीय हो चाहे प्रांतीय या राष्ट्रीय स्तर पर अब बहुत दुःख दायी व पीड़ा दायी बन गया है जैन समाज की अहिंसा मय प्रवृत्ति को वह अपना अधिकार मानने लगा है
जैन समाज का बरसों पुराना रिकॉर्ड है कि राष्ट्र का कोई सा भी पहलू हो जैन समाज अग्रिम पंक्ति में रहा है अपने पूर्वजों की सीख एवं कुल, परिवार, शैक्षणिक, संस्कार, संस्कृति सामाजिक, धार्मिक प्रवृत्ति के चलते किसी जीव को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है अहिंसा मय विचारधारा का अजैन बंधु नाजायज फायदा उठने जा रहा है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण शिखर जी, गिरनार जी,गोमटगिरी, पालीताना तो है ही साथ ही साथ राजनैतिक दल भी अपने फायदे के लिए जैन समाज के साथ अन्याय पर अन्याय करता जा रहा है अपनी आने वाली पीढ़ी का ध्यान रखते हुए इंदौर जैन समाज अपनी धरोहर को बचाने के लिए दृढ़ संकल्पित हो गया है ।
विधानसभा वार ऊपर दिए गए जैन मतदाता गण अपनी सूझ-बूझ एवं आवश्यकता अनुरूप चुनाव परिणाम को बदलने में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है क्योंकि…..
आप का एक वोट भी क्या असर दिखा सकता है मात्र एक वोट की ताकत देखिए……..
हम मतदान अवश्य करेंगे
…… वर्ष 2008 में राजस्थान की नाथद्वारा सीट से सी. पी. जोशी मात्र एक वोट से चुनाव हार गये थे मजे़ की बात ये हे कि उनके ड्राइवर को वोट डालने का समय नहीं मिला ।
हम मतदान अवश्य करेंगे
….. क्योंकि 1776 में अमेरिका में एक वोट ज्यादा मिलने से जर्मन भाषा के स्थान पर अंग्रेज़ी राज भाषा बनी ।
हम मतदान अवश्य करेंगे
… क्योंकि 1998 में वाजपेयी सरकार मात्र एक वोट से गिर गयी थी।
हम मतदान अवश्य करेंगे
…… क्योंकि 1917 में सरदार पटेल अहमदाबाद म्यूनसिपल कारपोरेशन का चुनाव मात्र एक वोट से हार गये थे ।
हम मतदान अवश्य करेंगे
….. क्योंकि 1923 में एक वोट ज्यादा मिलने से हिटलर नाजी़ पार्टी का प्रमुख बना ओर हिटलर युग की शुरुआत हुई ।
हम मतदान अवश्य करेंगे
…… क्योंकि 1875 में फ्रांस में मात्र एक वोट से राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र आया ।।
हमारा मतदान हमारी संस्कार, संस्कृति , कुल, परिवार, धर्म, समाज, पौराणिक धरोहर को संरक्षित करने में अत्यंत आवश्यक है व हमारा अधिकार है।
देवपुरी वंदना समाचार परिवार के सुधी पाठकों से पु:न निवेदन है कि जैन समाज की जनगणना फॉर्म की लिंक नीचे दी गई है जिन्होंने अभी तक फॉर्म नहीं भरे हैं वह जनगणना फॉर्म भरे :-
जैन जनगणना फार्म / Jain Census Form https://www.devpurivandana.com/jain-census-form/