विश्व धरोहर सप्ताह अंतर्गत रायपुर में जैन कला एवं स्थापत्य पर संगोष्ठी आयोजित

रायपुर ! (देवपुरी वंदना) विश्व धरोहर सप्ताह का शुभारंभ श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा एवं निर्ग्रन्थ सेंटर आफ आर्कियोलॉजी के द्वारा रायपुर में जैन चित्र प्रदर्शनी, जैन कला एवं स्थापत्य का विश्व को अवदान विषयक संगोष्ठी एवं गुल्लक योजना से किया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम संयोजक एवं श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कैलाश रारा ने स्थानीय चूड़ी लाइन स्थित चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर में जाकर भगवान चंद्र प्रभु को नमन कर वहां पर घराना शैली की जैन चित्रों की प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया पश्चात स्थानीय वृंदावन हॉल में आयोजित जैन कला एवं स्थापत्य का विश्व को अवदान विषयक संगोष्ठी की प्रस्तावना में श्री रारा ने अतीत से लेकर वर्तमान तक जैन संस्कृति के विश्व व्यापी प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पंकज ने वेद पुराणों में उल्लखित जैन संस्कृति के अनेकों प्रमाण एवं सिंधु घाटी की सभ्यता से प्राप्त पूरा अवशेषों के आधार पर भारत की इस महान संस्कृति को प्राग्वैदिक संस्कृति निरूपित किया। पुरातत्वविद डॉक्टर हेमू यदु ने छत्तीसगढ़ में ईशा से दूसरी तीसरी शताब्दी पूर्व तक के जैन पूरा अवशेषों के प्रमाण का उल्लेख किया तथा महेशपुर में छठी शताब्दी का भग्न जैन मंदिर होने का दावा किया। दैनिक विश्व के संपादक प्रदीप जैन ने बुंदेलखंड एवं कर्नाटक की पुरा संपदा को जैन संस्कृति का प्राण बतलाया। पाटनी फाउंडेशन के सुरेंद्र पाटनी ने कहा कि हम जैन है पर जैनी तब बनेंगे जब हम अपने सांस्कृतिक जीवन मूल्यों की रक्षा करने में सक्षम होंगे। ऋषभदेव जैन मंदिर के पूर्व ट्रस्टी प्रकाश सुराणा ने जैन पुरा संपदा की सुरक्षा के लिए नवीन मंदिरों के निर्माण में नवीन मूर्तियों के साथ-साथ प्राचीन मूर्तियों को भी इतिहास वृत के उल्लेख के साथ स्थापित करने का सुझाव दिया।
महिला महासभा की प्रांतीय अध्यक्षा श्रीमती उषा गंगवाल ने इस अवसर पर महिला मंडल के सहयोग से 51000 की राशि प्रदान कर गुल्लक योजना का शुभारंभ किया। तथा अपने विदेश भ्रमण के संस्मरण को बतलाते हुए कहा कि यह कितनी गौरव की बात है कि आज दुनिया के अन्य देशों के रेस्तरां में जाकर जब हम यह कहते हैं कि हम जैन हैं तो हमें जैन फूड प्रदान किया जाता है।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग के उपनिदेशक प्रताप पारख, फिल्म निर्माता संतोष जैन, युवा संस्था के संयोजक एम. राजीव सर, चरामेति फाउंडेशन के राजेंद्र ओझा एवं सुपरिचित एंकर लक्ष्मी नारायण लाहोटी को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में राजेंद्र उमाठे, सुभाष गोधा, ललित रांवका, प्रदीप गंगवाल, राजेश रज्जन एवं राकेश गोधा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
मंच का सफल संचालन श्रीमती ममता जैन के द्वारा किया गया।

-कैलाश रारा ✍🏻
कार्यक्रम संयोजक

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