आचार्य श्री108 देवनंदी जी गुरुदेव ने संजय जैन को विजय होने का आशीर्वाद दिया

इंदौर! ( देवपुरी वंदना ) तीर्थ बड़ा ही प्यारा शब्द है तीर्थ का मतलब ही मानवीय जीवन को तिराने वाला होता है। तीर्थ का दूसरा स्वरूप स्थावर है। पूरे देश में हमारे अनेकों दिगंबर जैन प्राचीन तीर्थ विद्यमान हैं, जिनकी गरिमा, महिमा और अलौकिकता बेमिसाल है। इन प्राचीन जैन तीर्थों में कालजयी प्रतिमाएं उन तीर्थंकरों की स्थापित हैं, जिन्होंने माया-मोह, मान सम्मान, का परित्याग कर कैवल्य पद प्राप्त कर लिया है। जैन वाद जिन अर्थात् इंद्रिय विजयी वीरों महावीरों का पथ है। इन सभी प्राचीन मूर्तियों से ऐसा तेज झलकता है, ऐसी दिव्य चमक दिखलाई पड़ती है, जो प्रेरक निमित्त बनता है सम्यक्त्व की साधना का। तीर्थों एवं वहाँ पर स्थापित मूर्तियों के दर्शन मात्र से आम जिंदगी के तनावों, आंतरिक संघर्षों और सांसारिक संतापों से मुक्ति मिल जाती है। अतीत के शिल्पियों द्वारा पाषाण प्रतिमाओं में जीवन का सार तत्व उकेर कर रख दिया है हमारी संस्कार ,संस्कृति, श्रद्धा ,भक्ति एवं आस्था के पहचान तीर्थ क्षेत्रों की रक्षा – सुरक्षा के लिए तीर्थ क्षैत्र कमेटी का उन्नीसवीं शताब्दी समाप्त होने के पूर्व सन् 1899 ई.में मुंबई निवासी दानवीर, जैनकुलभूषण, तीर्थ भक्त सेठ माणिकचंद हिराचंदजवेरी के मन में सबसे पहले उदित हुआ । आगामी 27 जनवरी 2024 को श्री दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हेतु होने वाले चुनाव के लिए णमोकार तीर्थ प्रणेता प्रज्ञा श्रमण परम पूज्य आचार्य श्री 108 देवनंदी जी महाराज द्वारा तीर्थों के संरक्षण हेतु संजय जैन, दिल्ली को णमोकार तीर्थ, मालसने, ताल. चांदवाड़ (नासिक, महाराष्ट्र) में विगत दिवस को मंगल आशीर्वाद और मार्गदर्शन दिया
णमोकार तीर्थ के उपाध्यक्ष श्री महावीर गंगवाल जी द्वारा तीर्थ कमेटी की और से श्री संजय जैन का सम्मान किया गया
संजय जैन के साथ नासिक से ग्लोबल महासभा के फाउंडर ट्रस्टी श्री पारस लोहाड़े (जैन) और दिल्ली से यश जैन, उपाध्यक्ष, विश्व जैन संगठन ने पूज्य आचार्य श्री के दर्शन कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।

आकाश जैन✍🏻
मीडिया प्रभारी
9015888028

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