आचार्य श्री के भाई मुनि श्री योग सागर जी ने 53 वर्ष प्राचीन प्रतिमा की प्रशस्ति क्यों कटवाई

वाशिम ! महाराष्ट्र प्रांत के वाशिम शहर के श्री दिगंबर जैन मंदिर मे विराजमान 53 वर्ष पुरानी पूजनीय प्रतिमा की प्रशस्ति को आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी के भाई मुनि श्री 108 योग सागर जी द्वारा अपनी श्रद्धा, एवं भक्ति से समर्पित श्रावक बंधुओ की आस्था के साथ खिलवाड़ क्यों किया ? आज से 53 वर्ष पूर्व संस्था के पदाधिकारीयों ने 1008 श्री पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाजी को विराजमान किया होगा तब क्या स्थिति रही होगी या प्रतिमा प्रदाता के विचारों अनुरूप ही प्रशस्ति लिखी होगी फिर अब
वर्तमान समय में अभी वर्तमान समय में नये पदाधिकारीयों को कहकर मुनिश्री ने प्रतिमा जी पर बदलाव करवाया। इसका असर हुआ कि कुछ पुराने पदाधिकारी व ट्रस्टीयो होने पुलिस थाने में जाकर इस नैतिक जिम्मेदारी का अपराध मानते हुए रिपोर्ट लिखवाई ..? इस बदलाव के लिए जिम्मेदार कौन होगा ? क्या समय-समय पर ऐसी ही पुनरावृति होती रहेगी या अंकुश लगेगा ।
क्या संतवाद – पंथवाद के साथ-साथ पूजा पद्धति हमारे समाज की प्राचीन धरोहर को नष्ट करने की ओर सतत् प्रयासरत रहेगा। क्या इसका भी कोई अंत निकलेगा ।
मुनि श्री योगसागरजी महाराज
पूर्व का नाम : बा.ब्र. श्री अनंतनाथ जी जैन (अष्टगे)
पिता का नाम : श्री मलप्पाजी जैन (अष्टगे) (समाधिस्थ मुनि श्री मल्लीसागरजी महाराज)
माता का नाम : श्रीमती श्रीमंतीजी जैन (अष्टगे) (समाधिस्थ आर्यिका समयमती माताजी)
भाई – बहन के नाम 1) श्री महावीरजी, 2)बा.ब्र. विद्याधरजी (वर्तमान में आ.श्रीसागरजी) 3)बहिन शांताजी,
(जन्म के क्रम से) : 4) ब्रह्रा बहिन सुवर्णा जी 5)आपका क्रम 6), श्री शांतिनाथजी (वर्तमान में निर्यापक मुनि श्री समयसागर जी)
जन्म दिनांक/तिथि/ 13-09-1956, गुरुवार, भाद्रपद शुक्ल नवमीं, वि.सं.
दिन/स्थान/समय : 2013, दिन. 12बजे, सदलगा, बेलगाँव (कर्नाटक)
शिक्षा (लाइकिक/धार्मिक): हाई स्कूल (मराठी से)
ब्रह्मचर्य व्रत दिनांक / 02-05-1975, शुक्रवार, वैशाख कृष्ण सप्तमी वि.सं.
दिन/दिनांक/स्थान : 2032, श्री दिग्. जैन अतिशय क्षेत्र महावीरजी (राज.)
क्षुल्लक तिथि/ 18-12-1975, गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा वि.सं. 2032,
दिन/तारीख/स्थान :
दिगम्बर सिद्ध क्षेत्र सोनागिर, दतिया (म. प्र.)
एलक दिनांक/ 19-1-1977, सोमवार, कार्तिक शुक्ल नवमीं, वि.सं.
दिन/तिथि/स्थान : 2034, श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र कुन्दपुर दमोह (म. प्र.)
मुनि दिवस दिनांक / 15-04-1980, मंगलवार, वैशाख कृष्ण
दिन/दिनांक/स्थान : सोना, वि.सं.2037, मोराजी सागर (म. प्र.)
दीक्षा गुरु : आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
निर्यापक पदप्राप्ति तिथि : 08-03-2019, रविवार, फाल्गुन कृष्ण 12 वि. निसं. 2545, वि.सं.2075, श्री 1008 शांतिधाम, श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र बीना बारहा तहसील देवरी जिला – सागर (म. प्र.) निर्यापक पद प्रदाता : बी.बी.आर. संघनायक आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज
विशेष: आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज, निर्यापक मुनि श्री समयसागर जी महाराज एवं निर्यापक मुनि श्री योगसागर जी महाराज आप तीर्थ के गृहस्थ जीवन के साधु भाई हैं एवं आप तीर्थ के गृहस्थ जीवन के माता-पिता एवं भाई बहिने भी आचार्य धर्मसागर जी से मिले थे। मुनि श्री अच्छे लेखक, कवि, साहित्यकार, तपस्वी अध्यात्मयोगी, चिंतक, विचारक हैं। आप आ.श्री शांतिसागर जी, आ. श्री शिवसागर जी आ. श्री ज्ञानसागर जी, आ. श्री विद्यासागर जी की आराधना, भावना बारह, चैबीस तीर्थंकर स्तुति, काव्य, कविताएँ आपकी प्रेरणास्पद कृति ‘आत्म शिल्पी ए। श्री। विद्यासागर है’। द्रव्य संग्रह की गाथा के अनुसार कई करोड़ जाप कर चुके हैं और बने रहेंगे। आपकी व्रत की साधना भी उत्कृष्ट है। 1993 के गोमतेश्वर में महामस्तक अभिषेक में आपकी सहभागिता रही है। आपके सानिध्य में अनेक पंच कल्याणक, महाविधान, मंदिर विध्वंसक, वेदी प्रतिष्ठा आदि प्रभावक ।

✍🏻 अनिल जैन
संवाददाता

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