मांगीतुंगी जी सिद्ध क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र किसने घोषित करवाया और क्यूं ..?
किसी भी तीर्थ क्षेत्रों के विकास के लिए सरकारी अनुदान लेने से पहले सोचना चाहिए क्यों कि ये अनुदान केवल पर्यटन मंत्रालय से मिल सकता है क्यों कि तीर्थ क्षेत्रों को अनुदान देने के लिए सरकार के पास अन्य कोई विभाग नहीं है
इसलिए ये अनुदान देने से पहले सरकार को क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना पड़ता है
फिर क्षेत्र पर पर्यटन बढ़ता है तो समाज ही बाद मे सरकार को दोष देती है। इसलिए सरकारी अनुदान लेने से पहले दूरगामी सोच के साथ विचार करें करोड़ो रूपये का सरकारी अनुदान लिया है 108 फुट ऊंची मूर्ति प्रतिष्ठा के समय वो सरकार के पर्यटन विभाग से ही लिया है मांगी तुंगी कमेटी ने
अब मांगीतुंगी पर्यटन क्षेत्र बन रहा है तो अब पछताना क्या अनुदान लेने से पहले सोचना चाहिए था ।
ऐसे ही शिखारजी के लिए भी श्वेताम्बर समाज ने सरकार से अनुदान लेने के लिए शिखारजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करवाया
मांगीतुंगी में सरकारी अनुदान का विवरण निम्नलिखित है :-
नासिकः राज्य सरकार ने जैनियों के पूजा स्थल मांगीतुंगी और मैदानी युद्ध में छत्रपति शिवराय की जीत का गवाह सालहेर किले को देखते हुए इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 275 करोड़ रुपये की योजना तैयार की है। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने इसे लागू करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जैनियों के आराध्य देव प्रथम तीर्थंकर भगवान वृषभदेव एक आदर्श शासक हैं और वे आज भी शासकों के लिए मार्गदर्शक हैं.
फड़नवीस मांगीतुंगी में स्थापित भगवान वृषभदेव की 108 फीट ऊंची मूर्ति के उद्घाटन और महामस्तकाभिषेक समारोह के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे, सहकारिता राज्य मंत्री दादा भुसे, सांसद सुभाष भामरे, विधायक राजेंद्र पाटनी, दीपिका चव्हाण, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय, पूर्व सांसद जे. क। जैन, श्री ज्ञानमती माताजी, चंदनामताजी, रवीन्द्रकीर्ति स्वामी, अनेकांतसागर और डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल, संजय पापड़ीवाल, सुमेर कुमार काले, वर्धमान पांडे, जीवन प्रकाश जैन, चन्द्रशेखर कासलीवाल, सुवर्णा काले आदि मंच पर उपस्थित थे। जे. के. जैन ने परिचय कराया। भगवान वृषभदेव एक उत्कृष्ट शासक, कृषक, गणितज्ञ, धन्वंतर, साहित्य और कला के पारखी थे। उनके समय में सभी को विकास के समान अवसर प्राप्त थे। उन्होंने लोगों का पालन-पोषण कैसे किया जाए, इसका आदर्श स्थापित किया था। मुख्यमंत्री ने कहा, इसलिए उच्च पदस्थ अधिकारियों से लेकर गांव के सरपंच तक सभी को भगवान वृषभदेव के जीवन से शिक्षा और दीक्षा लेनी चाहिए। ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने भावना व्यक्त करते हुए कहा कि न केवल भगवान वृषभदेव की 108 फीट ऊंची मूर्ति बल्कि जैनियों के मूल्यों को सर्वोच्च स्थान पर स्थापित किया गया है। सांसद सुभाष भामरे ने मांग की कि मांगीतुंगी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस और अन्य मंत्रियों ने हेलीकॉप्टर से मांगीतुंगी में बनी मूर्ति का हवाई निरीक्षण किया। भूषण कासलीवाल, पूर्व भाजपा विधायक (सभापति) जयचंद कासलीवाल के बेटे और चांदवड के मेयर, जो मांगीतुंगी में सीट पाने की कोशिश कर रहे हैं और मूर्तिकार सी. आर. पाटिल का अभिनंदन किया गया. भगवान वृषभदेव के पंचकल्याणक महोत्सव के अंतर्गत केवल ज्ञान दीक्षा कार्यक्रम संपन्न हुआ। भगवान वृषभदेव की सबसे ऊंची मूर्ति बनने के साथ ही मांगीतुंगी को एक अलग तरीके से दुनिया के सामने पेश किया जाएगा। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री द्वारा एक विशेष प्रतीक चिन्ह जारी किया गया।
फडनवीस को ‘धर्म राजेश्वर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया जबकि सरकार के बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं था, इस पंचकल्याणक समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री ने तुरंत 19 करोड़ रुपये के कार्य करने का आदेश दिया। इन विकास कार्यों के शीघ्र पूरा होने पर जैन बंधुओं की ओर से मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को बधाई दी गयी. विधायक राजेंद्र पाटनी ने कहा कि किसी सरकार द्वारा इतनी जल्दी इस तरह की कार्रवाई करने का यह पहला मामला है. इसके प्रति आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को ‘धर्म राजेश्वर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। धर्माचार्य द्वारा फडनवीस को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
जम्बूद्वीप हस्तिनापुर की वेबसाइट पर भी इस सरकारी सहयोग का उल्लेख है
https://encyclopediaofjainism.com/%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%9F%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82/
महाराष्ट्र शासन का सहयोग – Encyclopedia of Jainism
encyclopediaofjainism.com
ऋषभगिरि, मांगीतुंगी के पर्वत पर 20 साल की कड़ी मेहनत के उपरांत जब प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की 108 फुट उत्तुंग प्रतिमा अखण्ड पाषाण में निर्मित हुई, तो सम्पूर्ण विश्व की नजरें इस आश्चर्यकारी कीर्तिमान की ओर आकर्षित हो गई। भारत देश में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि समस्त शीर्ष व्यक्तित्वों के समक्ष इस अद्भुत प्रतिमा निर्माण की जानकारी पहुंची और महाराष्ट्र शासन ने 108 फुट भगवान ऋषभदेव के अंतर्राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में ऐतिहासिक सहयोग प्रदान किया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री माननीय श्री देवेन्द्र जी फडणवीस की मुख्यता में अनेक मीटिंग होकर इस महोत्सव की सफलता के लिए तथा आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए शासकीय योजनाएं निर्धारित हुई और अत्यन्त अल्प समय में इन योजनाओं को शासन-प्रशासन ने अमल करके महोत्सव की सफलता में महान सहयोग प्रदान किया।
विशेषरूप से शासन-प्रशासन द्वारा मूलभूत आवश्यकताओं के रूप में जल प्रदाय, विद्युत प्रदाय, सड़क, पार्किग, हैलीपैड, मोबाइल टॉवर, महामस्तकाभिषेक हेतु लिफ्ट-सीढ़ी व मचान, पर्वत पर सुरक्षा रेलिंग, पुलिस कंट्रोल रूम, इमरजेंसी चिकित्सा हॉस्पीटल, सड़कों पर साइन बोर्ड, सूचना फलक, फायर ब्रिगेड, सम्पूर्ण महोत्सव एरिया में सी.सी.टी.वी. कैमरे, साफ-सफाई आदि के लिए महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया गया।
उपरोक्त सभी आवश्यकताओं को शासन-प्रशासन के अधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत के साथ अत्यन्त कम समय में पूर्ण करके दिखाया। जल प्रदाय की सुविधा हेतु मांगीतुंगी से 12 कि.मी. दूर स्थित हरणबारी डैम से पानी लाया गया और नई पाइप लाइन डालकर महोत्सव में आये समस्त यात्रियों के लिए प्रत्येक कालोनी में पानी की सुविधा उपलब्ध कराई। इसके साथ ही पर्वत पर महामस्तकाभिषेक हेतु जल आपूर्ति का भी साधन किया और मूर्ति स्थल तक पाइप लाइन डालकर पानी पहुँचाने का महान कार्य किया।
इसी प्रकार विद्युत प्रदाय के लिए भी 6 कि.मी. दूर से बिजली के नये पोल लगाते हुए मांगीतुंगी में बिजली की आवश्यकता पूर्ण की गई और प्रत्येक कालोनी में स्ट्रीट लाइट तथा पर्वत की तलहटी से ऊपर मांगी व तुंगी की चोटी तक बिजली के पोल व स्ट्रीट लाइट लगाकर अत्यन्त दुरुह कार्य सम्पन्न किया। मूर्ति स्थल तक भी पहाड़ के रास्ते बिजली के पोल ले जाकर पूरे पर्वत को जगमग किया और यात्रियों के लिए बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई। इस प्रकार सम्पूर्ण महोत्सव में 24 घंटे विद्युत प्रदाय करके 5 कि.मी. के विशाल एरिया में सम्पूर्ण आवासीय कालोनी में विद्युत प्रदाय और सड़क लाइट की सुविधा उपलब्ध कराई।
इसी क्रम में पी.डब्ल्यू. डी. के सिविल डिपार्टमेंट द्वारा 6 कि.मी. से सड़क चौड़ी करके डामरीकरण किया गया और पर्वत पर भगवान के महामस्तकाभिषेक करने हेतु जाने के लिए सीढ़ी, लिफ्ट और मचान का निर्माण कराया गया। यद्यपि सरकारी सीढ़ी, लिफ्ट व मचान का कार्य महोत्सव के समय पूर्ण नहीं हो सका, लेकिन महोत्सव के उपरांत इस कार्य के लिए सरकारी तंत्र ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं। इसी के साथ पर्वत पर सुरक्षा हेतु रेलिंग तथा सड़कों पर रेलिंग, बैरीकेटिंग, घुमावदार सड़कों पर रेडियम रिफ्लेक्टर पोल, पिंपलनेर-सटाणा आदि से मांगीतुंगी आने वाले मार्ग पर रेडियम साइनबोर्ड, ऋषभगिरि, मांगीतुंगी के मुख्य मार्ग पर रोड क्रॉस कमान, पर्वत व तलहटी में 108 फुट मूर्ति निर्माण के सूचना फलक आदि अनेक कार्य सम्पन्न कराये गये।
पुलिस विभाग ने भी महोत्सव की कुशलता में विशेष सहयोग प्रदान किया। जगह-जगह पर हाई टावर लगाकर सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किये गये। मार्ग पर ट्रैफिक कन्ट्रोल के लिए बैरीकेटिंग तथा पुलिस कन्ट्रोलरूम बनाये गये। पार्किग स्थल पर अनुशासनपूर्वक नियंत्रण किया, जिससे मेला परिसर में सभी यात्रियों को आवागमन में अत्यन्त सुविधा हुई। इसी प्रकार पर्वत पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। महोत्सव के दौरान सुरक्षा हेतु 1500 पुलिस बल की विशाल सेना 24 घंटे तैनात रही।
फायर ब्रिगेड विभाग द्वारा भी 11 फरवरी से 06 मार्च तक लगातार 24 घंटे 02 फायर ब्रिगेड पंडाल ग्राउण्ड में उपलब्ध रहीं और फायर ऑफीसर्स ने दिन-रात चौकसीपूर्वक सेवाएं देकर सुरक्षा का ध्यान दिया। इसी प्रकार आपातकालीन विभाग ने भी समस्त गतिविधियों का कन्ट्रोल रूम बनाकर 24 घंटे महोत्सव की स्थितियों का जायजा लिया और हर प्रकार से प्रत्येक आपातकालीन सुविधाओं के लिए अधिकारीगण तत्पर रहे।
इन समस्त व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं के लिए मुम्बई से पर्यटन विभाग के आई.ए.एस. अधिकारी श्री पराग जी जैन तथा अन्य अधिकारियों की टीम लगातार कार्य का निरीक्षण करती रही और नासिक जिला के कमिश्नर सम्माननीय श्री एकनाथ जी डवले तथा यशस्वी जिलाधिकारी सम्माननीय श्री दीपेन्द्र सिंह जी कुशवाहा के नेतृत्व में समस्त सरकारी योजनाओं का कुशलतापूर्वक क्रियान्वयन हुआ। जल विभाग, पी.डब्ल्यू. डी (बिजली विभाग), पी.डब्ल्यू.डी. (सिविल विभाग), पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, सी.आई.डी. विभाग, फायर ब्रिगेड विभाग आदि विभागों के विभागीय अधिकारियों का सहयोग सराहनीय रहा।
इसी के साथ राजनैतिक क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्यामसुन्दर जी जाजू-दिल्ली, धूलिया सांसद श्री सुभाष जी भामरे, वाशिम के विधायक सम्माननीय श्री राजेन्द्र जी पाटणी, डिंडोरी सांसद श्री हरिश्चन्द्र चव्हाण, स्थानीय विधायिका दीपिका ताई चव्हाण तथा बागलाण तहसीलदार श्री पोद्दार जी ने भी अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।
विशेषरूप से मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गये प्रमुख प्रभार के उत्तरदायित्व में वाशिम के विधायक सम्माननीय श्री राजेन्द्र जी पाटणी ने सम्पूर्ण कार्य के समायोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आपने केन्द्रीय स्तर पर दिल्ली तथा प्रान्तीय स्तर पर मुम्बई, नागपुर, नासिक आदि प्रत्येक स्थान के अधिकारियों के साथ व्यवस्थित दिशानिर्देशपूर्वक समस्त कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए।
इसी क्रम में बी.एस.एन.एल. के चीफ जनरल मैनेजर सम्माननीय श्री एम.के. जैन-मुम्बई का भी सहयोग महत्वपूर्ण रहा। आपके मार्गदर्शन से मांगीतुंगी में १२ किमी. दूर तहाराबाद से बी.एस.एन.एल. द्वारा ओ.एफ.सी. केबल लाइन डाली गई, जिससे इंटरनेट व टेलीफोनिक सुविधाओं में लाभ मिला। आपके साथ नासिक, सटाणा व तहाराबाद के बी.एस.एन.एल. अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करके योजना को सफल किया।
जैन समाज के सभी पदाधिकारियों से निवेदन है कि सरकारी अनुदान लेने के लिए किसी भी तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित नहीं करवाए और पर्यटन क्षेत्र घोषित करवाया है तो अब पर्यटक आने पर सरकार पर दोषारोपण नहीं करें क्योंकि पैसों के अनुदान के लिए आपने ही ये कुकृत्य किया है।
✍🏻 जैनिज्म