इंदौर नगर गौरव मुनि श्री 108 प्रणीत सागर जी का 17 जनवरी को वैशाली नगर में मंगल प्रवेश.

इंदौर! ( देवपुरी वंदना ) सम्यक दर्शन, ज्ञान और चारित्र ही मोक्ष मार्ग है। ऐसी बात को बहुत सरल रुप से बताने वाले आचार्य भगवन्त प.पू. आध्यात्म योगी 108 श्री विशुद्ध सागर जी महाराज यथा नाम तथा गुण रुप है। जैसा नाम है, वैसा ही आचरण है। आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज को तत्वो का इतना गहन चिन्तवन है कि जिनवाणी उनके कण्ठ मे विराजमान रहती है। आचार्य श्री के प्रवचन इतने सरल व स्यादवाद से भरे होते है कि हमारे अष्टमूल गुण तो क्या, अणुव्रत और महाव्रत तक लेने के भाव हो जाते है। इनके प्रवचन मे स्यादवाद व अनेकान्त रुपी शस्त्र से मिथ्यात्व का शमन तो सहज ही झलकता है। ऐसे
आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री108 प्रणीत सागर जी महाराज जो इंदौर नगर के गौरव है। आप के साथ ही मुनि श्री108 निर्मोह सागर जी 17 जनवरी को सुबह 9 बजे चाणक्य पूरी चौराहे से ही वैशाली नगर में भव्य मंगल प्रवेश करेंगे इन्दौर के लिए पुण्य का अवसर है धर्म की गंगा बहेगी । मुनि 108 श्री प्रणीतसागरजी
का परिचय
पिता: डॉ. वीरेन्द्र कुमारजी जैन
मता : श्रीमति स्नेहलताजी जैन
जन्म दिनांक : 06 मार्च 1984
जन्म स्थान : इन्दौर (म.प्र)
दीक्षा गुरु : श्रमणाचार्य 108 श्री विशुद्धसागरजी महाराज
पूर्व नाम : बाल ब्रह्मचारी चेतन जैन
दीक्षा दिनांक : 6 अक्टूबर 2013 नागपुर (महाराष्ट्र )
ब्रह्मचर्य व्रत : ‌ 26 मई 2012 जयपुर (राजस्थान)
लौकिक शिक्षा: एम.बी.ए .एम.काम.सी.ए. (1 अटेम्प्ट्स)
पूर्व कार्यरत : एम.बी.ए. कॉलेज में 2 साल असिस्टेंट प्रोफेसर
भाषा विद् : हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, प्रकृति। विशेष : समयसारादि 30 से अधिक शास्त्रों का अंग्रेजी रूपांतरण कर चुके हैं।
तो आइए आप ओर हम सब मिलकर भव्य आगवानी भी करेंगे आगामी दिनों में आप का इंदौर में गुरुवरआचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ से भव्य महामंगल मिलन भी होगा और आप संभवतः इंदौर में होने वाले ऐतिहासिक भव्य पंचकल्याणक गोधा स्टेट में आचार्य संघ के साथ ही सानिध्य भी प्रदान करेंगे
-:निवेदक:-
वैशाली नगर समाज
दक्षिण क्षेत्र जैन समाज
सुदामा नगर जैन समाज
समग्र ओर सकल जैन समाज इंदौर एवं पुलक मन्च परिवार इंदौर

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