सड़कों के निर्माण से होगा प्रदेश का विकास

The state will develop through construction of roads

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केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा है कि स्मार्ट शहर के साथ स्मार्ट विलेज के निर्माण से आत्म निर्भर भारत का निर्माण हो सकेगा। जबलपुर मध्यप्रदेश का ग्रोथ इंजन है। यह पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में जबलपुर का नाम पूरे देश में जाना जाता है। जबलपुर में सड़कों-पुलों के निर्माण और सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक विकास के लिये सरकार कार्य कर रही है। श्री गडकरी जबलपुर में वेटनरी कॉलेज ग्राउंड में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि सड़कों के निर्माण से उद्योगों का विकास होता है। पर्यटन में वृद्धि होती है। कृषि एक्सपोर्ट बढ़ता है और इस तरह सड़क प्रदेश के विकास की धुरी बन जाती है।

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का विजन, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का ध्येय गांव और किसानों के विकास से सीधा जुड़ा है।

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग और रिंग रोड निर्माण के दौरान जमीन से खोदी गई मिट्टी और मुरूम की जगह पर पानी का स्टोरेज टैंक और तालाब बनाया जा सकता है। इससे वाटर कंजर्वेशन तो होगा साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होगा। हर गांव की 75% जमीन सिंचित होगी तो किसान और गांव समृद्ध होंगे और कृषकों की आमदनी बढ़ेगी।

किसान आगे बढ़कर बने ऊर्जा दाता

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश का किसान, ग्रीन हाइड्रोजन, बायो एविएशन फ्यूल, बायो सीएनजी और बायो एलएनजी निर्माण की दिशा में कार्य करके अन्नदाता से आगे बढ़कर ऊर्जा दाता बन सकता है। कृषि से उपजे बायोमास को एनर्जी क्रॉप्स में परिवर्तित करें। पानीपत में इंडियन ऑयल के बिटुमिन प्लांट का उदाहरण देते हुए केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने बताया कि प्रदेश में पराली से 1 लाख लीटर एथेनॉल, 1.5 टन बिटुमिन और 75 हजार टन हवाई ईंधन तैयार किया जाता है। यह उत्पाद हवाई जहाज के ईंधन के रूप में उपयोग किए जा सकते है। इसे सस्टेनेबल एवियशन फ्यूल कहा गया है। दो साल पहले 26 जनवरी के कार्यक्रम में फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर में बायो फ्यूल का उपयोग किया गया था। mp roads

ऊर्जा निर्यात करने वाला देश बनेगा भारत

केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने कहा कि कोयले से मिथनोल बनाया जाता हैं। डीजल में 15% मेथेनॉल मिलाकर बेंगलुरु में 25 बसें चलाने का प्रयोग सफल रहा है। मध्य प्रदेश में कोयले के प्रचुर भंडार उलब्ध हैं। मिथेनॉल की दर 22 रुपए लीटर और डीजल की 93 लीटर है। इस तरह मिथनॉल डीजल की अपेक्षा सस्ता ईंधन है। कोल माइन में मिथनॉल से चलने वाली मशीनें और ट्रक उपयोग करें। इन सब चीजों से देश में फॉसिल फ्यूल्स का आयात में कमी आयेगी। डीजल और पेट्रोल के उपयोग से होने वाला प्रदूषण कम होगा। मध्यप्रदेश में ऐसा प्रयोग करने और इस दिशा में अग्रणी होने की क्षमता है। देश का किसान देश के लिए ऊर्जा तैयार करेगा और देश ऊर्जा आयात करने वाला नहीं बल्कि ऊर्जा निर्यात करने वाला देश बनेगा।

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मध्यप्रदेश में फसल, फल सहित कृषि उत्पादों का प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है। राष्ट्रीय राजमार्ग और रिंग रोड से लगी सरकारी जमीन पर प्री कूलिंग प्लांट, कोल्ड स्टोरेज और लॉजिस्टिक पार्क आदि का विकास किया जा सकता है। इससे प्रदेश की सब्जी, फल और अन्य उत्पाद दुनिया के दूसरे देशों तक जाएंगे। इससे किसानों को फसल का सही दाम मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा। केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने प्रदेश के विकास में उनके मंत्रालय से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

प्रदेश की सड़कें दुनिया में बढ़ा रही देश का मान- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की सड़कें देश का मान दुनिया में बढ़ा रही है। पहले प्रदेश में सड़कों में गढ्ढे हुआ करते थे लेकिन अब देश और प्रदेश की सड़कें सुगम और त्वरित परिवहन का नया अध्याय लिख रही है। वर्ष 2013-14 तक देश में केवल एक हजार किलोमीटर के लगभग सड़कें थी। जो 10 साल में बढ़कर 1 लाख 61 हजार किलोमीटर तक निर्मित की गई है। प्रतिदिन 11.6 किलोमीटर सड़क निर्माण की गति अब बढ़कर 29.6 किलोमीटर हो गई है। इसकी गति किसी चमत्कार से कम नहीं है। पूरी दुनिया भारत के विकास की गति से हतप्रभ है।

प्रदेश में विकास की धारा निर्बाध गति से आगे बढ़ रही

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जिस तरह पुरातन काल में सम्राट विक्रमादित्य का काल सुशासन का काल माना जाता था। उसी तरह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में सुशासन की स्थापना की जा रही है। जैसे हिमालय से गंगा अविरल बहती है वैसे ही प्रदेश में विकास की धारा निर्बाध गति से आगे बढ़ रही है।

source – MPINFO

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