इंदौर शहर को भिक्षावर्ती से मुक्त बनाने की कवायद शुरू..

. इंदौर ! (देवपुरी वंदना) ‌ मां अहिल्या की पावन नगरी को भिक्षुक मुक्त शहर बनाने रोड मैप तैयार होते ही पहले चरण में बच्चों द्वारा भिक्षुक प्रवृत्ति को रोकने के तहत भिक्षुक मुक्त शहर बनाने के लिए दूसरे चरण का अभियान जल्द ही क्रियान्वित हो गया है इसे लेकर विगत दिनों कलेक्टोरेट में बैठक हुई थी जिस में कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम, महिला बाल विकास, ट्रैफिक पुलिस, नशा मुक्ति केंद्र और भिक्षुको को रेस्क्यू करने का काम करने के इच्छुक एन.जी.ओ. के संचालक शामिल हुए थे भिक्षुकों को रेस्क्यू करने के अभियान मे नगर निगम अफसर ने जानकारी दी कि एन.जी.ओ को नियुक्त करने के लिए री-टेंडर किए हैं।

कलेक्टर ने नोडल ऑफिसर स्मार्ट सिटी सी.ई.ओ. दिव्यांक सिंह से जानकारी मांगी थी। सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ पूर्व से जुड़े पहले यहां चलेगा अभियान बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए स्थान चिन्हित किए हैं। सबसे पहले लसूड़िया से वाइट चर्च तक, फिर बंबई बाजार, मूसाखेड़ी, पलासिया चौराहा, एल आई जी चौराहा लवकुश चौराहा पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा। भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया जाएगा। एन.जी.ओ. ही काम करेंगे। इसमें संस्था प्रवेश को काम की जिम्मेदारी मिली थी संस्था की संचालिका रूपाली जैन के मुताबिक भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों व महिलाओं की कलेक्टर ने मांगी जानकारी अनुरूप कलेक्टर ने संस्था प्रवेश के केंद्र पर मौजूद रेस्क्यू किए गए भिक्षुकों की सूची मांगी है।

जैन ने बताया कि इंदौर शहर में लगभग 50 ऐसे लोग केंद्र में शिफ्ट किए थे लेकिन इनके परिवार की जानकारी नहीं मिली है। कलेक्टर ने प्राथमिकता के अनुसार दूसरे केंद्र में शिफ्ट करने के लिए कहा है। भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों का पहले रेस्क्यू किया जा रहा है इसमें बाल कल्याण समिति, पुलिस बल और मेडिकल की टीम को साथ रखें है !

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