इंदौर ”सेल्फी क्वीन ग्रुप” ने आदिवासी क्षेत्र वालपुर जाकर स्थानीय त्योहारों का पर्व भगोरिया का आनंद लिया और पानी बचाने का संकल्प दिलाया …..
इंदौर ! मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में आदिवासी अंचलों में भगोरिया उत्सव की धूम है। आदिवासी बाहुल्य जिलों में भगोरिया मेला लगा हुआ है। मेले में हजारों की संख्या में हर दिन लोग पहुंच रहे हैं। मेले में आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेश-भूषा में नजर आ रहे हैं। उनका खान – पान रहन -सहन उठने -बैठने व बात करने का तरीका सब भिन्न होता है। आदिवासी लोक संस्कृति के प्रमुख पर्व भगोरिया उत्सव में आदिवासी लोक संस्कृति के रंग चरम पर नजर आते हैं । भगोरिया की तारीख घोषित होने के साथ ही आदिवासी इलाकों में भगोरिया हाट को लेकर तैयारियां शुर हो जाती हैं । जिसमें आदिवासी संस्कृति और आधुनिक जीवन का अलबेला संगम देखने को मिलता हैं। भगोरिया हाटों के उत्सव की शुरूआत होली का दहन के सात दिवस पूर्व हो जाती हैं। भगोरिया एक हाट है जहां सब मिलते हैं। व्यापार-व्यवसाय के साथ उल्लास मनाते हैं। यह जीवन और प्रेम का उत्सव है जो संगीत, नृत्य और रंगों के साथ मनाया जाता है। इस दौरान मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों में कई मेले लगते हैं और हजारों की संख्या में नौजवान युवक-युवतियां सज-संवरकर पारंपरिक वस्त्रों में इन मेलों में शिरकत करते हैं। जिसमें झाबुआ ,अलीराजपुर , वालपुर बड़वानी जिले के साथ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में भगोरिया का आनंद लिया जा रहा है इस खुशी को इंदौर के ”सेल्फी क्वीन ग्रुप” ने भी वालपुर पहुंच कर मनाया जिसमें मुख्य रूप से मीनू शैलेंद्र कटारिया, मोनिका जितेंद्र कला, सोनाली जैन, नीना पहाड़िया, चेताली जैन ,संगीता जैन, अर्चना जैन, सीमा जैन आदि ने भगोरिया का आनंद लेते हुए आदिवासी संस्कृति को पहचाना और उनको आ रही समस्याओं का निदान करने के साथ जल (पानी ) को दुरुपयोग ना करते हुए पानी की कमी के साथ बचाने का संकल्प दिलाया ।