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थोड़ा सा रक्तदान बहुत सारा पुण्य हम में से प्रत्येक व्यक्ति जिंदगी मे कभी न कभी ऐसी स्थिति से अवश्य गुजरा है जब उसके किसी प्रिय व्यक्ति अथवा परिचित को रक्त की सख्त आवश्यकता पड़ी हो और बड़ी ही परेशानी के बाद व्यवस्था हुई हो। प्रत्येक मानव शरीर मे भरपूर रक्त होते हुए भी मौके पर रक्त न मिलने की एक मात्र वजह रक्तदान के संबंध में फैली हुई भ्रांतियां एवं डर है। यह तो आप जानते है कि तमाम वैज्ञानिक अनुसंधानो के बावजूद भी इंसान रक्त का निर्माण व विकल्प नही ढूंढ पाया, ऐसी स्थिति में रक्तदान ही इस कमी को पूरा करने का एक मात्र उपाय है।
क्या आप जानते है कि एक वयस्क व्यक्ति के शरीर मे 5.5 से 6 लीटर रक्त रहता है तथा आवयश्कता सिर्फ 300 मिलीलीटर दान देने की है, जो कि कुल मात्रा का 20 वां हिस्सा है।
प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति 3 माह के अंतराल में रक्तदान कर सकता है।
रक्तदान देने से शरीर मे नया खून बनने की प्रक्रिया और तेज होती है। रक्त देने वालो को छूत की बीमारी नहीं लगती व कोई कमजोरी नही आती।
18 से 55 वर्ष तक, 12 ग्राम हीमोग्लोबिन से ऊपर वाला व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। जितना रक्त आपने दिया है उसकी पूर्ति शरीर में 24 घंटो में हो ही जाती है।
प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं का व परिजनों का ब्लड ग्रुप मालूम होना चाहिए तथा प्रत्येक व्यक्ति अपनी जेब मे ब्लड ग्रुप कार्ड अवश्य रखे, ताकि आपातकालीन स्थिति में आपको जल्दी सुविधा मिल सके। इस धरती पर बसे सैतीस सौ करोड़ मानव जाति के खून का रंग लाल तथा ग्रुप चार है ओ, ए, बी, ए.बी नेगेटिव या पॉजिटिव। जब हम रक्त दान करते है तो हमारे शरीर के संक्रमित रोगों की स्वतः ही जांच हो जाती है। प्रत्येक महत्वपूर्ण कागजात जैसे स्कूल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, आवेदन-पत्र, चुनाव- पत्र, पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि में पिता माता व गोत्र के नाम की तरह ही ब्लड ग्रुप का उल्लेख अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति, पीलिया, एड्स, गुप्त रोग, केंसर, टी.बी और वायरल बुखार से ग्रसित हो तो वह रक्तदान न करे। रक्त देते समय घबराये नही, हिचकिचाए नही बल्कि गर्व व संतोष महसूस करे कि आप मानवता की सेवा करके बहुत बड़ा पुण्य कमा रहे है। इस भावना से रक्तदान करे। धन जाए तो फिर आ जाता है पर जीवन जाए तो मन बहुत पछताए क्योकि वह फिर लौट कर न आये। प्रेम का रिश्ता सच्चा रिश्ता तथा खून का रिश्ता पक्का रिश्ता। तो आइए इस मिशन में पीड़ित मानवता की सेवा में लग जाये क्योकि रक्तदान का कोई विकल्प नही, रक्तदान जीवन में दान है महादान है।
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