आचार्य श्री लोकेश ने प्रथम स्वदेशी मार्शल आर्ट चैंपियनशिप का उद्घाटन किया
दिल्ली ! सरक फेडेरेशन ऑफ इंडिया के बान में सरित सरक एसोसिएशन द्वारा हिन्दू महासभा में आयोजित स्वदेशी मार्शल आर्ट का उदघाटन अहिंसा भारती के संस्थापक आचार्य श्री हा ने किया। इस अवसर पर सगिता के चेयरमैन डॉ भक्त – श्री सोहन गिरि एवं अन्य लोग उपस्थित थे।
विश्व शांतिदूत आचार्य श्री लोकेश प्रतियोगिता का उदघाटन करते हुवे कहा कि स्वदेशी मार्शल आर्ट बच्चों के सर्वांगीण विकास में बेहद सहायक है, किशोराव्यस्था में खेल के द्वारा मांसपेशियों का व्यायाम होता है, मस्तिष्क का विकास होता है, सद्भावना का माहौल बनता है, अन्य बच्चों के साथ रहना सीखते है। बच्चों में खेल के माध्यम से आपसी बातचीत, तालमेल, अपनी बारी का इंतजार, धैर्य आदि का विकास होता है। सरित सरक जैसे अनेक भारतीय खेलों को वर्तमान समय में प्रोत्साहन एवं संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में शाति का माहौल बने ऐसी हम आशा करते है। सरित सरक फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ भक्त कुमार ने बताया कि सरित सरक एक प्रकार का स्वदेशी मार्शल आर्ट है। दिल्ली में आयोजित प्रथम सरित सरक प्रतियोगिता में भारत के 20 प्रान्तों जैसे केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, असम आदि के बच्चे भाग ले रहे है। सरित सरक फेडेरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष श्री सोहन गिरि ने कहा कि स्वदेशी मार्शल आर्ट को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त होनी चाहिए और यह ‘खेलों भारत’ का हिस्सा बने गे तो स्वदेशी को नई पहचान मिलेगी। श्री जय भगवान गोयल एवं रामायण रिसर्च फाउंडेशन प्रमुख सुशांत जी ने कहा कि सरित सरक जैसे स्वदेशी मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण स्कूलों के पाठ्यक्रम मे शामिल होना चाहिये। इस प्रकार के प्रशिक्षण से जहाँ एक ओर शारीरिक विकास होता है वहीं दूसरी ओर बच्चे आत्मरक्षा के लिए सक्षम भी होते हैं। साध्वी निरंजना जी, हिन्दू महासभा के श्री मुत्रा लाल शर्मा, ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उदघाटन के पश्चात आचार्य श्री के साथ अतिथियों, आयोजकों एवं प्रतिभागियों ने एक स्वर में वन्देमातरम के नारे लगाए। बच्चों ने सरित सरक के विभिन्न आयामों का प्रदर्शन किया। श्री सोहन गिरि के साथ आयोजकों ने अतिथियों का सम्मान एवं विभिन्न प्रान्तों से आए बच्चों का स्वागत किया।