चमत्कारी शीतल तीर्थ रतलाम की अधिष्ठात्री डॉ. सविता दीदी को “निष्ठामूर्ति” के पद से विभूषित किया गया

रतलाम ! ( देवपुरी वंदना ) परम पूज्य प्रज्ञा पुरुषोत्तम, समाधिस्थ गुरुदेव आचार्य श्री 108 योगीन्द्र सागर जी महामुनिराज की प्रेरणा से रतलाम के धामनोद में स्थित श्री दिगम्बर जैन धर्मस्थल शीतल तीर्थ का स्थापना दिवस एवं कार्यकर्ता सम्मान समारोह को बड़े उत्साह के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम संयोजक नरेन्द्र रारा ने जानकारी देते हुए बताया कि साधको की निर्बाध चर्या पालन एवं जीवदया के उद्देश्य से पूज्य गुरुदेव योगीन्द्र सागर जी के सानिध्य में वर्ष 2009 में इस क्षेत्र की आधार शिला रखी गई थी। 2012 में पूज्य गुरुदेव के प्रयाण के पश्चात उनकी इस कल्पना को आकार देना असम्भव था किंतु क्षेत्र की अधिष्ठात्री डॉ सविता दीदी के अथक प्रयासों से यहाँ गुरु मन्दिर का निर्माण हुआ और निर्माण की पूर्णता से पूर्व ही यह क्षेत्र श्रावको की श्रद्धा का केंद्र बन गया।


पंचकल्याणक समिति के महामंत्री डॉ अनुपम जैन ने कहा कि हाल ही फरवरी माह की 21 से 26 तारीख तक परम् पूज्य चर्या शिरोमणि आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महामुनिराज एवं प.पू. अनोखे तपस्वी आचार्य श्री 108 सुन्दर सागर जी महामुनिराज ससंघ सहित लगभग 72 साधको की उपस्थिति में कृत्रिम कैलाश पर्वत पर विराजित भगवान आदिनाथ एवं 72 जिनालयों का ऐतिहासिक पंचकल्याणक भी दीदी के निर्देशन में भव्यता पूर्वक सम्पन्न हुआ।


14 जून को प्रतिवर्ष इस क्षेत्र का स्थापना दिवस मनाया जाता है, ओर इस वर्ष क्षेत्र की पूर्णता के साथ इसे मनाने का उत्साह दोगुना हो गया। संयोग से इस वर्ष पूज्य क्षुल्लिका श्री चन्द्रमती माताजी के सानिध्य आज के आयोजन के लिए प्राप्त हुआ जिसमें प्रातः काल नियमित होने वाले पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा के पश्चात पं.वृषभसेन उपाध्ये व पं पारिस चिंतामणि उपाध्ये के निर्देशन में श्री ऋषिमण्डल विधान का आयोजन किया गया। इसी अवसर पर कैलाश पर्वत पर विराजित आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर खाचरोद निवासी श्री विजय कुमार सेठी परिवार द्वारा विशाल छत्र भी चढ़ाया गया। दोपहर में क्षेत्र का स्थापना दिवस एवं लब्धि समारोह भव्यता के साथ आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता चेन्नई जैन समाज के अध्यक्ष एवं जाने माने जैन उद्यमी श्री कमल जी ठोल्या द्वारा की गई। पंचकल्याणक महोत्सव की व्यवस्थाओं में सहयोग देने वाले सभी कार्यकर्ताओं का एवं पात्रों के साथ समाज श्रेष्ठियों का सम्मान भी इस अवसर पर किया गया।


सभी गुरु भक्तो एवं योगी परिवार के सदस्यों द्वारा इस अवसर पर सविता दीदी को उनकी अगाध गुरु निष्ठा, व क्षेत्र निर्माण के प्रति पूर्ण समर्पण भाव को देखते हुए निष्ठामूर्ति डॉ सविता जैन के नाम से अभिननंदन पत्र भेंट करते हुए विशिष्ठ सम्मान किया गया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए राकेश जैन ‘चपलमन’ ने बताया कि पूरे भारत का यह पहला तीर्थ होगा जंहा प्रतिष्ठा से पूर्व ही अतिशय दिखना प्रारम्भ हो गए, ओर इस तीर्थ की पूर्णता में यदि मजबूत आधार का कार्य किया है वो आदरणीया दीदी का रहा है, जिन्होंने अपने व्रतों का पालन करते हुए भी जो संकल्प गुरु चरणों मे लिया उसे पूर्ण भी किया।
फरवरी माह में क्षेत्र पर आयोजित किये गए विद्वत सम्मेलन से संकलित लभगभ 27 लेखों की एक पुस्तिका ‘योगीन्द्र प्रसून’ का विमोचन भी इस अवसर पर किया गया।
आयोजन में इंदौर, भोपाल, सागवाड़ा, बांसवाड़ा, चेन्नई, बेंगलोर, गुवाहाटी, कोटा, शिकोहाबाद, उदयपुर, जावरा, बड़नगर आदि विभिन्न स्थानों से गुरु भक्तो ने भाग लिया।

~ राकेश जैन ‘चपलमन’ ✍🏻 9829097464

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