1 नवंबर 2024 दिपावली को राष्ट्रीय स्वर्णिम जैन ध्वज उत्सव — आचार्य श्री 108 प्रज्ञ सागर
नई दिल्ली ! ( देवपुरी वंदना )जैन ध्वज की 50 वीं वर्षगांठ में जैन एकता का परिचय दे सच्ची जिनशासन की प्रभावन करें…
! हर घर पर हों पचरंगा!
राष्ट्रीय स्वर्णिम जैन ध्वज उत्सव यह कहना है आचार्य श्री 108 प्रज्ञ सागर जी
भरत का भारत सबसे पावन। पंचरंगी ध्वज फहराऐ हर आंगन।।
आगामी 1 नवंबर 2024
दीपावाली, हम इतिहास के उस स्वर्णिम पल का साक्षी बनेंगे जब जैन ध्वज की 50वीं वर्षगांठ का महोत्सव राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा। जहां एक तरफ़ भगवान महावीर स्वामी का 2550वाँ निर्वाण महोत्सव सारा विश्व अहिंसा वर्ष के रूप में मना रहा है वहीं जिनशासन का यशगान जैन ध्वज फहरा कर 50वीं वर्षगांठ मनाएंगे।
पंचरंगी ध्वज यह न केवल हमारे गौरवशाली जैन धर्म का प्रतीक है बल्कि एक संदेश है—करुणा, शांति, और समभाव का, जिसे हर व्यक्ति के जीवन में आत्मसात करना आवश्यक है।
भरत का भारत—अहिंसा और धर्म की धरोहर को पुनः जागृत करें। इस पंचरंगी ध्वज के माध्यम से हम दुनिया को दिखाएं कि जैन धर्म के सिद्धांत केवल आदर्श नहीं हैं, बल्कि जीवन जीने का श्रेष्ठ मार्ग हैं।
इस दिवाली, आइए जैन–जैनेतर के हर आंगन, हर घर, हर गली, हर मन्दिर में जैन ध्वज फहराकर प्रेम, एकता, शांति की मिशाल प्रज्ज्वलित करे और नीचे दिये हुए
मोबाइल नं. पर फोटो अवश्य भेजें 9643865634