आचार्य श्री 108 दयासागर जी दुर्घटनाग्रस्त हाथ में फैक्चर हो गया ….
सागर ! (देवपुरी वंदना) बहुत ही दु:खद घटना परम पूज्य आचार्य श्री 108 दया सागर जी गुरुदेव व्हीलचेयर पर विहार कर रहे थे वह अचानक पलट गई और गुरुदेव गिर गये जिसकी वजह से गुरुदेव के सीधे हाथ में फेक्चर हो गया एवं बहुत चोट आई है इसलिए सभी भक्तों से अनुरोध हैं कि की गुरुदेव की वैयावृत्ति में एवं आहार चर्या में अधिक से अधिक संख्या में आकर या घर पर ही गुरुदेव के स्वास्थ लाभ में सहयोग प्रदान करे परम पूज्य गुरुदेव के स्वास्थ लाभ के लिए जाप अवश्य करे !
गुरुदेव का परिचय :
प.पू. 108 आचार्य दयासागर जी महाराज गृहस्थ नाम देवेन्द्र कुमार जैन/दीपचन्द्र जैन है। गृहस्त माता-पिता का नाम श्रीमती शान्तिदेवी-सिंघई दशरथलाल जैन हैं। उनका जन्म बण्डा (बेलई), जिला-सागर, म.प्र. में १३ मार्च 1954 में हुआ हैं।
भाई:
श्री प्रकाश चन्द (अग्रज), अनुज श्री प्रमेचन्द, स्व. श्री जयकुमार, श्री सनत कुमार
बहन :
श्रीमती कान्तिदेवी, श्रीमती कमलादेवी, श्रीमती चमेलीदेवी, श्रीमती प्रेमादेवी एवं, श्रीमती शशिदेवी शिक्षा
ब्रह्मचर्य व्रत-सन् 1977 भादो शुल्क अष्टमी, कुण्डलपुर. (आचार्य श्री108 विद्यासागरजी)
ग्रहत्याग-28 जून 1978 –
क्षुल्लक दीक्षा – 10 जनवरी 1980 नैनागिरि (आचार्य श्री विद्यासागर से) –
ऐलक दीला – 27 जनवरी 1982 दिल्ली (आचार्य श्री नेमीसागरजी से) –
मुनि दीक्षा – 11 अप्रैल 1982 दिल्ली (आचार्य श्री
नेमीसागरजी स) –
आचार्य पद – 20 फरवरी 1988, वाराणसी (आचार्य श्री नेमीसागरजी से)