मध्य प्रदेश का पहला कमल मंदिर सिहोनियाजी में जहां पर होगी 24 तीर्थंकरों की प्रतिमा स्थापित
मुरैना ! ( देवपुरी वंदना ) जहां आस्था भक्ति और शक्ति का समागम होता है वह पुण्य धरा पवित्र हो जाती है । इतिहास गवाह है कि कमल का फूल सदैव दलदल में रहता है फिर भी वह सदा पौराणिक परंपरा काल से पूजनीय है क्योंकि उसकी सुंदरता व महत्ता दल-दल (कीचड़) मैं रहने के बावजूद भी स्वच्छता एवं देवों के प्रिय का प्रतीक है । जब फूल ही इस बात का गवाह है तो फिर इस पर जब हमारे 24 तीर्थंकरों की प्रतिमा की स्थापना होगी जब वह और कितना सृष्टि को पवित्रता का साक्ष बनाएगा।
बहुत सुखद एवं पावन अवसर आया है की मध्य प्रदेश के मुरैना शहर के निकटतम स्थित श्री अतिशय तीर्थ क्षेत्र सिहोनिया जी की पुण्य पावन भूमि जहां विगत 4 वर्षों से कमल मंदिर का निर्माण कार्य जोर – शोर से चल रहा है जो अब अंतिम शेष कार्यों की ओर अग्रसर है।
मध्य प्रदेश के मुरैना शहर से 30 किलोमीटर, की दूरी पर स्थित
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सिहोनियाजी जहां पर भूगर्भ से प्राप्त 11 वी शताब्दी की भगवान श्री 1008 शांतिनाथ की (16 फुट) श्री 1008 अरहनाध भगवान की (10 फुट) व श्री 1008 कुंथुनाथ भगवान की (10 फुट) की पाषाण की खड़गासन प्रतिमाओं के दर्शन व वहां की पुण्य भूमि का सभी लाभ ले रहे हैं
इसे और दार्शनिक और अध्यात्मिक बनाने के लिए बुंदेलखंड के प्रथमाचार्य ,युग अतिक्रमण , प्रवर्तक गणाचार्य श्री 108 विरागसागर जी के पावन आशीर्वाद एवं निर्देशन में कमल आकृति का मंदिर बनाया जा रहा है जिसका कार्य लगभग समाप्ति की ओर है । सिहोनिया जी के निकटतम स्थल पर निवास सकल दिगंबर जैन समाज गुरुवर के सानिध्य में भव्य पंच कल्याणक महोत्सव का आयोजन करेगा ।
सिहोनियाजी सकल श्री दिगंबर जैन समाज व सोनू मित्र मंडल ने देश के सभी साधर्मी बंधुओं से दर्शन करने का आव्हान करते हुए बताया कि यहां पर त्यागी भवन, ग्रंथालय , संत भवन, आदि का निर्माण भी हो रहा है ।
गुरुवर के आशीर्वाद व दिशा निर्देशन में बहुत जल्द पंच कल्याणक महोत्सव आप आयोजन होगा। जिसमें आप सभी आमंत्रित हे। अभी आगामी अष्टानिका पर्व महोत्सव मे युवा प्रणेता गणनी आर्यिका रत्न श्री 105 आर्षमति माताजी के आशीर्वाद एवं दिशा निर्देशन में विधान का आयोजन हो रहा है इसमें आप सभी धर्म लाभ लें।