इंदौर दिगंबर जैन समाज के हाथों से निकलता तीर्थ क्षैत्र- गोम्मटगिरी

इंदौर ! ( देवपुरी वंदना ) दिगंबर जैन समाज में अपनी पैराणिक धार्मिक धरोहरों की सुरक्षा संरक्षण के लिए फैल रही उदासीनता या साफ-साफ कहे तो जैन समाज के हर वर्गो मैं खून की जगह अब उनके शरीर में सिर्फ समाज के संरक्षण की बात पर पानी दौड़ने लगता है ऐसा क्यों ?
अगर नाम पद की बात आए तो वह अपने कूल परिवार द्वारा किए गए सामाजिक धार्मिक कार्यों को भी भूल जाता है व अपने अहम को अपनी ताकत बनाकर सार्वजनिक समाज में दरार डालते हुए अपने आप को किसी संस्था का अध्यक्ष या माहामंत्री बन कर फूला नहीं समाता व अपने दूसरे अन्य सामाजिक बंधु को अपनी ताकत से गुमराह करता रहता है । खेर अब यह बात तो आम हो गई है । जिस प्रकार गिरनार जी तीर्थंकर नेमिनाथ टोंक का पंजीयन दत्तात्रेय टोक के नाम से हो गया और हमारे पदाधिकारी देखते रह गए व एक दूसरों पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर अपने दायित्वों से इति श्री कर ली उसी प्रकार जैन समाज का सबसे बड़ा धार्मिक तीर्थ क्षैत्र सम्मेद शिखरजी जी कोई स्थानीय शासन प्रशासन ने जीवन अभयारंय केंद्र बना रहा है क्या जैन समाज अपने तीर्थ की सुरक्षा भी नहीं कर सकता इन सब बातों का फायदा उठा कर अजैनी बंधु आज इतना हाबी हो गया हे कि वह खुलेआम अपने तीर्थ क्षैत्र पर कब्जा करने में कोई डर नहीं रखता चाहे अपने पास भूमि – भवन संबंधी सभी कागज सुरक्षित रखे हो क्योंकि उन्हें पता हे कि हमारी कमजोरी सभी जानते हैं कागज सिर्फ प्रशासन को दिखा सकते हैं मगर राजनीतिक दबाव में उनका साथ देता हे । जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण इंदौर का तीर्थ क्षैत्र
गोम्मटगिरी पर गुर्जर बंघुओ द्वारा हो रहे कब्जे‌ व सुरक्षा दीवार बनाने में अवरोध डालने और श्रावको द्वारा मारपीट करने के संबंध में अभी विगत दिनों पूर्व ही तीर्थ क्षेत्र गोम्मटगिरी के महामंत्री ने देश के प्रधानमंत्री,गृहमंत्री सहित मुख्यमंत्री से सुरक्षा देने के लिए एक अपील करते हुए शिकायत करी थी जिसका प्रधानमंत्री की शिकायत का विवरण Your Communication has been registered with registration number – PMOPG/E/2022/0089495. Please visit at: https://pgportal.gov.in/status for further details.
इस प्रकार है । पर जिस तरह गिरनार जी व शिखरजी जैसे तीर्थो पर हमारी उदासीनता के कारण शासन प्रशासन रवैया राजनैतिक दबाव का रहा है उसी प्रकार गोम्मटगिरी तीर्थ क्षेत्र पर शासन प्रशासन कैसा सहयोग करेगा । यह तो समयानुसार ही तय होगा श्रमण संस्कृति से भी इस विषय पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हम इस विषय पर कुछ नहीं कर सकते क्योंकि हम अपने भव को सुधारने का काम कर रहे हैं । क्या इंदौर दिगंबर जैन समाज के स्थानीय से राष्ट्रीय स्तर तक बने संघ, अहम की संसद, संगठन, युवा वर्ग , परिषद , वर्ष में एक बार कार्य करने वाली महासभा, वर्चस्व की महासमिति, ग्रुप, (बी. सी ).या सेल्फी तक का महिला मंडल, नाम का जैन राजनैतिक चेतना मंच , आदि- आदि क्या आगामी 14 अप्रैल 2022 महावीर जयंती पर सिर्फ शक्ति प्रदर्शन के साथ होड- झोड व मंच , माला , फोटो मै ही सीमित रह जाएगा । अब देखना है इंदौर दिगंबर जैन समाज अपने तीर्थ क्षेत्र की सुरक्षा व संरक्षण के प्रति कितना सजग व सावधान रहता है या अन्य तीर्थ क्षेत्रों की तरह “”गोम्मटगिरी””को भी अपने हाथों से निकलता देखता रह जाएगा ।

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