अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद,( पंजीकृत ) का पंचम राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न हुआ

राजस्थान ! ( देवपुरी वंदना ) अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी ( राजस्थान ) में परम् पूज्य आर्यिका रत्न 105 श्री सृष्टि भूषण माता जी के पावन सानिध्य व बा ब्र. नेहा दीदी के कुशल निर्देशन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के संस्थापक व अध्यक्ष पारस व आदिनाथ चैनल फेम प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्री रवि जैन गुरूजी,दिल्ली ने की।कार्यक्रम में सम्पूर्ण भारत से पधारे अनेकों ज्योतिषाचार्य ने जैन आगम द्वारा जीवन की समस्याओं का समाधान विषय पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किये ।

कार्यक्रम का शुभारंभ पं महावीर प्रसाद जैन, दिल्ली द्वारा मंगलाचरण के पाठ से हुआ। तत्पश्चात आचार्य श्री सन्मति सागर व आचार्य श्री ज्ञानसागर जी के चित्र अनावरण श्री योगेश जैन विश्वास नगर श्री राकेश जैन दिल्ली द्वारा किया गया।
दीप प्रज्वलन प. दीपक जैन, दिल्ली , प. राहुल जैन, किशनगढ़ द्वारा किया गया। परम् पूज्य सृष्टि भूषण माताजी जी को शास्त्र भेंट प. मुकेश जैन, गुरुग्राम व डॉ जयेंद्र कीर्ति उज्जैन द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता महामंत्री डॉ हुकुम चन्द जैन ग्वालियर , श्री एम के जैन इंदौर, डॉ जयेंद्र कीर्ति उज्जैन, प. अरविंद शास्त्री दिल्ली, प. दीपक जैन दिल्ली, प.मुकेश जैन गुरुग्राम व अशोक गोयल दिल्ली आदि वक्ताओं ने उपरोक्त विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

इंटरनेशनल वीतराग स्प्रिचवल फाउंडेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ( IVS ) की ओर से डॉ मंजू जैन,नागपुर, डॉ अर्चना विनय जैन, नागपुर, डॉ शालू जैन, आदि ने भी श्री भक्तामर जी के द्वारा जीवन की समस्याओं का निदान बताया।
प्रो.डॉ टीकम चन्द जैन व श्री रवि जैन गुरुजी ने पूज्य माताजी को विनयांजलि पत्र भेंट किया।

इस अवसर पर देश के कोने कोने से आये ज्योतिष आचार्यों को संबोधित करते हुए परम पूज्य माताजी ने कहा कि जीवन की समस्याओं को सुलझाने में जैन ज्योतिष का प्राचीन काल से ही बड़ा महत्व रहा है, जीवन में सरलता व समस्याओं में सहनशीलता रखते हुए जैन ज्योतिष के उपायों को अपनाकर हम सभी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। परिषद के सभी सदस्यों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हुए पूज्य माताजी ने कहा कि वर्तमान युग में जैन ज्योतिष के प्रचार प्रसार की अति आवश्यकता है तथा अखिल भारतीय भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद इस कार्य में निरंतर लगी हुई है। माता जी के द्वारा परिषद के संस्थापक अध्यक्ष श्री रवि जैन गुरुजी को विशेष स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
परिषद की जयपुर इकाई के सदस्य विनोद कुमार जैन , मयंक वैद , सुरेन्द्र बड़जात्या, डॉ शालू जैन , श्रीमती सुनीता जैन, पीयूष जैन, श्रीमती जया जैन, आदि के द्वारा मिलकर स्मृति चिन्ह भेंट किया।
अंत में श्री रवि जैन गुरुजी ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि इतने अल्पकाल में देश के सभी प्रदेशों से परिषद में सदस्य गण जुड़ रहे है, तथा अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद, दिल्ली पंजीकृत हो चुकी है, व जैन ज्योतिष को विश्व पटल पर अंकित कराने के लिए हम परिषद के सभी सदस्य प्रतिबद्ध है। उनके द्वारा उपस्थित सभी सदस्यों को अंगवस्त्र, तिलक व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन डी. के. जैन दिल्ली द्वारा किया गया। मंच संचालन की उपस्थित सदस्यों के द्वारा भूरि– भूरि प्रशंसा की गयी।

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