इंदौर जैन समाज क्या अपने साधर्मी उम्मीदवार को निर्दलीय भी लड़ा सकती है ..?
इंदौर ! ( देवपुरी वंदना ) अपने हक के लिए स्वयं को अपना वर्चस्व दिखाना होगा दिगंबर जैन समाज का हृदय स्थल इंदौर शहर मे विगत 2 वर्षों से नगर निकाय चुनाव राजनीति के गलियारों से कोरोना महामारी के चलते पिछड़ते जा रहा था सर्वविदित है कि ”बच्चा जब तक रोता नहीं है मां भी उसे दूध नहीं पिलात ” फिर यहां तो अपने हक की बात है ।
इंदौर शहर जैन बाहुल्य क्षेत्र है 15 शहरों में कांग्रेस पार्टी ने महापौर उम्मीदवार घोषित किए हैं जिसमे से मात्र एक सागर से श्रीमती निधी -सुनील जैन का नाम है इंदौर निकाय चुनाव में कुल 85 वार्ड हैं जिसमें चुनाव की कार्यप्रणाली अनुरूप आरक्षण होने के बाद सामान्य पुरुष महापौर के साथ 25 वार्ड सामान्य पुरुष और 23 वार्ड सामान्य महिला पार्षद के हैं। शेष पिछड़ा और अनुसूचित वर्ग के लिए है
हमारे साधर्मी उम्मीदवार श्रीमती अनीता – रविंद्र जैन ( काला ) श्री दीपक जैन, श्रीमती दिव्या -विपिन गंगवाल ,श्री महावीर काला , श्रीमती सरिता काला, श्री मयूर सेठी , श्रीमती साधना दगड़े ,श्री अजय जैन ,श्रीमती पद्ममा भौजे ,श्री जेनेश झांझरी , श्रीमती मंजुअजमेरा, श्री अनिल जैन, श्रीमती सुनीता सेठी, श्रीमती आशा सोनी ,श्री संजय जैन ,श्री सुनील गोधा, श्री आनंद कासलीवाल ,श्री मनोज काला , श्री प्रवीण पाटनी, श्री दीपक पाटनी, राकेश जैन, तो अपनी दमदारी के साथ उम्मीदवारी रखते हैं साथ ही साथ और भी अपने सधर्मी बंधु जो सभी का सहयोग प्राप्त कर प्रचंड जीत की ओर अग्रसर हो … इस बार अपने जैन समुदाय अपने प्रत्याशियों को निर्दलीय टिकट दिलाने से लेकर वोट देकर विजयश्री कराना है प्रायः हम साधर्मिक हित की बात करते हैं। साधर्मिक के बारे में सोचते हैं, उनके सुख-दुःख की बात करते हैं। यही सोच इस बार नगर निगम चुनाव में भी परिलक्षित हो रही है। जैन का वोट जैन को। इस बार चारों और एक ही आवाज उठ रही है, जैन का वोट जैन को। राजनीतिक पार्टी कोई भी हो, अगर जैन प्रत्याशी चुनाव लड रहा है तो जैन समाज के मतदाताओं का वोट भी जैन प्रत्याशी को ही जाएगा। दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों ही समुदाय के मतदाताओं ने भी निश्चित कर लिया है। स्थानीय से लेकर राज्य स्तर तक के जैन संगठन, मंच, ग्रुप, मंडल , संघों , फोरम के पदाधिकारियों ने तो मोर्चा भी सम्हाल रखा है। अपने नाम से अपील भी जारी कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर जैन राजनीतिक सम्मान एवं राजनीतिक वर्चस्व के रूप में उठाई गई आवाज अब चारों ओर सुनाई दे रही है। राजनीतिक विचारधार के बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक पार्टिया किसे प्रत्याशी बनाती है अब जैन समाज को भी इन दोनों ही राजनीतिक पार्टियों को यह जता देना है। कि जैन समाज को जितना सम्मान दिया है, उतना देना भी जानते हैं। देवपुरी वंदना समाचार परिवार आप सभी का मीडिया प्रहरी होने के नाते यही अपील करता है, इस बार जैन का वोट जैन को इस बार जैन समाज के प्रत्याशियों के चुनावी परिणाम भी आशातीत प्राप्त होंगे, ऐसी उम्मीद है। सभी जैन पार्षद प्रत्याशियों को विजयश्री की बहुत-बहुत शुभकामनाएं !