श्री जामडी पाटेश्वर धाम में सुरक्षा व्यवस्था देने हेतु जिला प्रशासन को धन्यवाद, सन्त राम बालक दास जी

पाटेश्वर धाम जिला बालोद(छ.ग ) के संत श्री राम बालक दास जी का ऑनलाइन सत्संग प्रतिदिन भक्त गणों के लिए आयोजित किया जाता है जिसमें प्रतिदिन सुमधुर भजनों की प्रस्तुति भक्त गणों के द्वारा की जाती है एवं बाबा जी के द्वारा भक्त गणों की जिज्ञासाओं का अति सूक्ष्म से सूक्ष्म विश्लेषण प्रस्तुत किया जाता है जिससे सब का ज्ञान तो बढ़ता ही है साथ में धार्मिक सनातन धर्म का प्रचार प्रसार भी होता है ताकि हमारा सनातन धर्म का पताका पूरे विश्व में जैसे प्राचीन समय से लहराता है वैसे ही लहराता रहे
कल 9 अगस्त आदिवासी दिवस को पाटेश्वर धाम में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया पूरे दिन हर्षोल्लास के साथ भक्त गणों की उपस्थिति वहां रही,सुबह 10:00 बजे से मंगलवार के उपलक्ष में सुंदरकांड का पाठ उसके बाद 3:00 बजे से भक्त गणों की सुंदर बैठक का आयोजन किया गया,संध्या काल में भजन कीर्तन कर सभी भक्तों गणों ने बहुत हर्ष उल्लास के साथ आदिवासी दिवस का आनंद पाटेश्वर धाम में लिया, दिन भर सीता रसोई में भोजन प्रसादी भक्त गणों के लिए चला
और पाटेश्वर धाम को सुरक्षा दे रहे लगभग 500 पुलिस बल कर्मियों को भी भोजन प्रसादी प्रदान किया गया, जबकि कल 9 अगस्त को रात्रि से ही पूरे दिन बारिश होती रही इस बारिश में भी भीग कर पुलिस बल कर्मियों द्वारा पूरे पाटेश्वर धाम को और नंदी शाला को पूरी सुरक्षा प्रदान की गई, एवं बाबा जी ने जानकारी दी कि पाटेश्वर धाम में कल 9 अगस्त आदिवासी दिवस पर कोई भी असामाजिक कार्य नहीं हुआ,पूरा दिन शांति में व्यतीत हुआ इसके लिए संत श्री राम बालक दास जी ने बालोद जिला के कलेक्टर एवं बालोद जिला के एसपी साहब को धन्यवाद ज्ञापित किया
आज की सत्संग परिचर्चा में रामेश्वर वर्मा जी ने जिज्ञासा रखी की 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर हमारे देश के प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति महामहिम मुर्मू जी ने किस प्रकार से यह स्थान प्राप्त किया। और आदिवासी भाई बहनों को प्रकृति संरक्षक कहा जाता है इस पर प्रकाश डालने की कृपा करेंगे गुरु देव,बाबा जी ने बताया कि आदिवासी का मतलब किसी जाति विशेष से नहीं लिया जा सकता,आदिवासी वे हैं जो आदिकाल से इस देश का अपने को वंशज मानता है,आदि अनादि काल से ऋषि मुनियों की परंपराओं और आदि सनातन परंपरा को लेकर चलता है, आदि देव महादेव जी आराधना करता हैँ,जो सभी जीवो की रक्षा एवं प्रकृति की वन जीव जगत की रक्षा का प्रण लेता है,वही सच्चा आदिवासी हैँ,
पर आज आदिवासियों को रुड़ियों में बांधकर, मदिरापान करने वाला जीव बलि देने वाला घोषित कर दिया गया है, जो की गलत हैँ आज हमारे देश के हर उच्च पदों पर आदिवासी जनों ने अपना परचम लहराया है महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू महामहिम राज्यपाल अनुसुइया उइके जी और ऐसे कई आदिवासी पुरुष महिलाएं हैं जो हमारे देश का गौरव उच्च पदों पर रहकर बढ़ा रहे हैं,आदिवासी जन हमारे पूरे देश के लिए प्रेरणा है जो कि हमारे धार्मिक रीति-रिवाजों को पूरी तरह से लेकर चल रहे हैं महामहिम राष्ट्रपति जी शिव भक्त हैं प्रतिदिन शिव जी का अभिषेक एवं पूजा करती है उन्होंने राष्ट्रपति भवन में मांस मदिरा पर भी रोक लगा दी राज्यपाल सुश्री अनुसूया उइके जी भी धार्मिक सद्भावना का विचार अपने हृदय में रखती हैं इस प्रकार से हम देख रहे हैं कि आज के आदिवासी किस तरह से हमारी सनातन धर्म के रक्षक है

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

You might also like