कलेक्टर श्री सिंह ने न्यू मालव कन्या विद्यालय की छात्राओं को वितरित की कृमिनाशक एल्बेंडाजोल की गोलियां


इंदौर
शासन के निर्देशानुसार आज इंदौर जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा न्यू मालव कन्या विद्यालय में किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री सिंह ने विद्यालय में अध्ययन कर रहीं 19 वर्ष तक की बालिकाओं को कृमीनाशक एल्बेंडाजोल की गोलियां वितरित की। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री बीएस सैत्या, जिला शिक्षा अधिकारी श्री मंगलेश व्यास, डीपीसी श्री अक्षय राठौर, जिला टीकाकरण अधिकारी श्री तरुण गुप्ता, विद्यालय के प्राचार्य सहित अन्य अधिकारी शिक्षकगण एवं छात्राएं उपस्थित रहीं। विदित है कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर एक से 19 वर्ष तक के आयु के सभी बच्चे जो शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त शालाओं, आदिवासी आश्रम शाला, निजी विद्यालयों, अनुदान प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसों केंद्रीय विद्यालय, नवोदय तथा आंगनवाड़ी के साथ-साथ शाला त्यागी बच्चों को भी कृमि नाशक गोलियां खिलाई जाएंगी।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं को उनकी जीवनचर्या में बेसिक हाइजीन को अपनाने की समझाइश दी। उन्होंने बताया कि कृमि के जोखिम से बचने के लिए बिना जूते पहने मैदान में ना खेलें, बिना हाथ धोए खाना ना खाएं, शौचालय के उपयोग के पश्चात भी तुरंत हाथ धोएं तथा दूषित फल और सब्जियों का सेवन ना करें। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि सभी बच्चे कृमिनाशक एल्बेंडाजोल की गोलियों का सेवन अनिवार्य रूप से करें। इसके साथ ही दूसरे बच्चों को भी यह दवाई लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यह मजबूत भविष्य की नींव के लिए महत्वपूर्ण कदम है। बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक विकास के लिए कृमी संक्रमण से बचाव बेहद जरूरी है।
उन्होंने बताया कि गरीब बस्तियों और शाला त्यागी बच्चों को यह दवाइयां आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से वितरित की जाएंगी। कलेक्टर श्री सिंह ने किशोरी बालिकाओं से खून की कमी ना हो इसका भी विशेष ध्यान रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि खून की जांच नियमित रूप से कराएं और पोषित आहार का सेवन करें।
तत्पश्चात कलेक्टर श्री सिंह ने सीएम राइज स्कूल के रूप में निर्मित किए गए न्यू मालव कन्या विद्यालय के कक्षों का निरीक्षण किया और यहां अध्ययन कर रहीं छात्राओं से भी चर्चा की। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों का उत्साह देखकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि वे लोग इसी उत्साह और आत्मविश्वास के साथ बच्चों को पढ़ाएंगे तो बच्चों का भविष्य अवश्य उज्जवल होगा। बाकी स्कूलों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।

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