अच्छे संस्कार का सुख :- बा.ब्र.झिलमिल दीदी ✍🏻
संस्कार से जीवन मे सुख और जीवन जीने का आनन्द आता है गुरु कहते है जो संस्कार में पला होता है वो जीव अपना जीवन सफल करता है और यश प्राप्त करता है संस्कार से जीवन जीने का मतलब ही बदल जाता है आप संस्कारी होते है तो आपका सब आदर सत्कार करते है अब मन में विचार आया कि संस्कार कैसे होते है तो संस्कार जैसे होते है यानि कि अच्छे बुरे बेसा हमारे जीवन पर प्रभाव पढ़ाता है इसलिये हमारे जीवन मे धर्म के संस्कार होना चाहिये और माता पिता हो अपने बच्चे को बचपन से देव शास्त्र गुरु के ही संस्कार देने चाहिये जिस के ऊपर जिनेंद्रदेव का और गुरु के हाथ से संस्कार का आशीर्बाद मिलता है वो जीव कभी भी अपने विनय भाव को नही भूलता पर ध्यान माता पिता को भी रखना होता है कि यह संस्कार जो गुरु ने मेरे बच्चे में दिये है मुझे इस बच्चे को हमेशा एहसास दिलाते रहना है कि तुम इस संसार मे बहुत महत्वपूर्ण जीव हो तुम्हरा जीवन व्यर्थ मे गवाने के लिये नही हुआ जीवन मे कुछ उत्थान करने के लिए ही हुआ तभी तो तेरे संस्कार एक निर्ग्रन्थ मुनिराज ने किये है क्योकि जो मुनिराज संस्कार करते है वो भव्य जीव होता है और मुनिराज के संस्कर में वो शक्ति होती है कि एक पत्थर की आत्मा भी भगवान की आत्मा बन जाती है देखो संस्कार का कितना बड़ा महत्व होता है बच्चे को खिलोना नही दिया जाये तो वो कुछ समय तक रोऐगा पर जीवन मे संस्कार ना दिये जायें तो वो बच्चा जीवन भर रोऐगा इसलिये लिये जीवन को सुधारने के लिये संस्कार जरूर दे गुरु की संगति में संस्कार का अवलोकन जरूर करे संस्कार से जीवन संस्कारित बनता है ।