RSS ने भगवान महावीर के 2550 वे निर्वाण महोत्सव को संपूर्ण देश में मनाने की घोषणा की
नई दिल्ली ! (देवपुरी वंदना) श्वेतत्पिच्छाचार्य श्री 108 विद्यानंद जी मुनिराज के अंतेवासी पट्टशिष्य राष्ट्रगुरु परम्पराचार्य श्री 108 प्रज्ञसागर जी मुनिराज के सान्निध्य एवं प्रेरणा से हमारे आराध्य अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2550 वें निर्वाण महोत्सव मनाने के लिए देश की समस्त जैन समाज मे काफी उत्साह है
उसी को आगे बढ़ाते हुए आगामी 4 अप्रैल 2023 को निर्वाण महोत्सव का नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन मे शंखनाद हो रहा है । उसी क्रम में एक और खुशी की लहर के मध्य देश के राष्ट्रीय के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ RSS
ने भी विगत दिनों पानीपत मे हुए आयोजन की प्रेस वार्ता में उनके संघ द्वारा भी भगवान महावीर के 2550 वे निर्वाण महोत्सव को और अधिक गति प्रदान करते हुए संपूर्ण देश में मनाने की घोषणा की जिसमें भगवान महावीर के दिव्य संदेश जियो और जीने दो , अहिंसा परमो धर्म: को और प्रतिपादित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथियों के साथ संपूर्ण देश में जन -जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य के रूप में पांच सूत्र दिए गए थे, जो कि सर्वकालिक प्रासंगिकता है। भगवान महावीर ने नारीशक्ति को समान स्थान प्रदान करते हुए उन्हें खोया गौरव लौटाया, समाज में लैंगिक भेदभाव मिटाने का युगांतरकारी कार्य किया।
अपरिग्रह के संदेश से वे अपनी आवश्यकताओं को सीमित करते हुए संपूर्ण जीवन वन और अपने अतिरिक्त आय को समाज के हित में समर्पित करने की दिशा में समाज को दिशा देते हैं। वर्तमान में हमारी जीवन शैली से पर्यावरण को हो रही हानि से उसे बचाने में अपरिग्रह का सूत्र बहुत महत्वपूर्ण है। अहिंसा, सह-अस्तित्व और प्राणिमात्र में समान आत्मतत्व के दर्शन करने की उनकी शिक्षा की संगति विश्व के अस्तित्व के लिए परम आवश्यक है। भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित कर्म सिद्धांत में अपने दुखों और दुखों के लिए जिम्मेदार को जिम्मेदार जिम्मेदारों से बचना और अपने कर्म को ही कर्ता के सुख-दुःख का कारण प्राप्त करने का सन्देश निहित है।
“स्यादवाद” भगवान महावीर का एक प्रमुख सन्देश है। अनेक प्रकार के द्वन्द्वों से पीड़ित मानवता को बचाने तथा कार्य सह अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए स्यादवाद का आधार बन सकता है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मत है कि वर्तमान में वर्द्धमान की बहुत आवश्यकता है। भगवान महावीर की निर्वाण प्राप्ति के 2550वें वर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता है। सभी कार्यकर्ता इस निमित्त घटनाओं में पूर्ण मनोयोग से योगदान देंगे और उनके उपदेशों को जीवन में चरित्रार्थ करेंगे। समाज से यह आव्हान है कि भगवान महावीर की शिक्षा को अंगीकार करते हुए विश्व मानवता के कल्याण में स्वयं को समर्पित करें।