उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव में जैन समाज का वर्चस्व

अयोध्या ! ( देवपुरी वंदना )
असी,मसी कृषि, के साथ गणित व ब्राह्मी लिपि का निर्माण करने वाले हमारे आराध्य प्रथम तीर्थंकर श्री 1008 आदिनाथ भगवान के जन्म क्षेत्र उत्तर प्रदेश से कौन अनभिज्ञ है।‌ ऐसे जैन बाहुल्य क्षेत्र में समाज अपनी उदासीनता के कारण अपना वर्चस्व होता जा रहा है चाहे वह व्यापारिक, शैक्षणिक,सांस्कृतिक, या राजनीतिक क्षेत्र हो जैन समाज आपसी मत भेद के साथ साथ तीव्रता से बढ़ते मनभेद के चलते वस्तुतः हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है। जिसके कारण आने वाली पीढ़ी धर्म ,संस्कृति के साथ अपने वर्चस्व में भी आगे नहीं बढ़ पा रहा। उत्तर प्रदेश जैन समाज को पुनः राजनीतिक क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए एक सुअवसर पुनः आया है अपनी एकजुटता,संगठन व ताकत के साथ उत्तर प्रदेश प्रांत आगामी माह मे चुनाव के तहत प्रसिद्ध शहरी क्षेत्र जिसमें आगरा ,झांसी ,शाहजहांपुर फिरोजाबाद ,सहारनपुर ,मेरठ कानपुर, लखनऊ ,गाजियाबाद , वाराणसी, प्रयागराज ,अलीगढ़ बरेली ,मुरादाबाद,गोरखपुर ,अयोध्या ,मथुरा – वृंदावन, जेसे आने वाले 17 नगर निकाय से महापौर पद पर 08 सामान्य वर्ग के लिए व 09 अनुसूचित जनजाति , पिछड़ा वर्ग, और महिलाओं को आरक्षित है। इसी प्रकार 199 कस्बों जैसे क्षेत्रों के लिए नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए जिसमें 85 सामान्य वर्ग व शेष आरक्षित वर्ग के लिए है। इसके के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के कुल 544 ग्राम पंचायत के अध्यक्ष पद में से 240 सामान्य वर्ग के लिए है ।
अब देखना यह है कि स्थानीय जैन समाज अपनी सूझ – बुझ के साथ कितने पदों पर अपना वर्चस्व स्थापित करता है! क्योंकि शहरी ,कस्बों , व ग्रामीण क्षेत्रों मे मतदाता के अनुरूप चुनाव होते हैं इतिहास गवाह है कि हमारा जैन समाज पंच,सरपंच पार्षद, महापौर ,विधायक, व सांसद, तक के राजनैतिक गलियारों से हो कर अपने कार्य क्षेत्र में सजग निपुणता से आगे बढ़ता आया है ‌ उत्तर प्रदेश जैन समाज स्थानीय समाज जनों के साथ रह कर व निकटतम प्रांतीय जैसे दिल्ली , हरियाणा ,पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात ,महाराष्ट्र, आदि के जैन समाज का सहयोग लेकर उत्तर प्रदेश प्रांत में अपनी संस्कार संस्कृति को सुरक्षित रखने के साथ – साथ आने वाले समय अनुसार ‌अपने युवा पीढ़ी को और कितना सहयोग देता है।
जैन समाज की सभी स्थानीय से लेकर क्षेत्रीय, प्रांतीय,राष्ट्रीय ,अंतरराष्ट्रीय, संस्था संघ , मंच , समूह, ग्रुप , सभा , संगठन ,मंडल , समिति से करबद्ध निवेदन है । जिस प्रकार राजनीतिक दल अपने-अपने सियासी उम्मीदवारों के लिए सहयोग करते हैं उसी प्रकार जैन समाज अपने समाज , धर्म व संस्कार, संस्कृति, के लिए उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनावों के योग्य उम्मीदवार अपने साधर्मी बंधुओं को स्थानीय चुनावी दलों या क्षेत्रीय दलों से टिकट दिलाने के साथ चुनाव जीतवाने में सहयोग करें।

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