क्या इंदौर खरौआ दिगंबर जैन समाज अजैन राजनेताओं के आतिथ्य के बिना त्रिमूर्ति धाम का निर्माण नहीं कर सकती

इंदौर ! ( देवपुरी वंदना ) समाज व राष्ट्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले हम कलमकार साथी अपने अपनों की व अन्य दूसरों की धमकी व दहशत ‌के परिणामों को नजरअंदाज कर अपने कुल संस्कृति, सामाजिक व धार्मिक, दायित्व और कार्यशैली को निभाते हुए दूरगामी दृष्टांत को देखते हुए समाज को समय-समय पर सचेत जागरूक करते आ रहे हैं । मगर ऐसा कहा जाता है कि जब तक अपने आप पर नहीं बितती है तब तक किसी और की कहीं या लिखी बातों पर विश्वास नहीं होता है ।
खैर फिर भी जब पूरा देश तीर्थराज सम्मेद शिखरजी सुरक्षा के लिए आत्मा से चीख – चीख कर अपना दर्द बयां करते हुए अपने परिवार सहित सड़कों पर उतर कर शालीनता पूर्वक ना किसी को परेशानी का सबब बनते हुए शांति पूर्वक ना ही शासन-प्रशासन का नुकसान करते हुए आंदोलन किया फिर भी राजनैतिक संरक्षण के चलते वोट बैंक की नजर से उसका कोई सुखद परिणाम अभी तक नहीं दिखा।
यह तो एक पुरानी घटना हो चुकी है इस से भी पुरानी गिरनार जी के प्रकरण से कोई अनभिज्ञ नहीं है । इन सब को हमारी व्यस्तता की कमी का बहाना बनाते हुए या क्षेत्रीय स्थानीय श्रावक – श्राविकाओ जिम्मेदारी का पाठ पढ़ा कर इतिश्री कर ली। मगर जब अभी ताजा प्रकरण जिसमें निर्णय आना बाकी है। इंदौर के गोमटगिरी तीर्थ क्षेत्र पर जो घटना घटी उससे इंदौर ही नहीं देश के सभी श्रावक – श्राविकाओ की आत्मा को झंझोड़ कर रख दिया । मगर हमारी उदासीनता या निर्णय लेने की असहजता ने हमें मुख दर्शक बनने या हाथ पर हाथ रखने के लिए विवश कर दिया क्योंकि हमारी जैन एकता अब तार-तार हो गई है जिसके परिणाम स्वरूप अजैन व्यक्तित्व और अवसरवादी राजनैतिज्ञ इसका लाभ ले रहे हैं ।
फिर भी हमारे जैन समाज वाले जागृत नहीं हो रहे हैं ..? या अब कहां जाए कि समाज के व्यक्तित्व विशेष द्वारा सिर्फ अपने निजी स्वार्थ का लाभ देखा जा रहा है । जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण
इंदौर के श्री दिगंबर जैन खरौआ समाज द्वारा आगामी गुरुवार 25 मई 2023 को श्रुत संवेगी मुनि श्री 108 आदित्य सागर जी, मुनि श्री 108 अप्रमित सागर जी, एवं मुनि श्री 108 सहज सागर जी के सानिध्य में गोमटगिरी तीर्थ क्षेत्र के समीप बन रहे त्रिमूर्ति धाम तीर्थ का भूमि पूजन एवं शिलान्यास समारोह होने जा रहा है । जिसके परिसीमन में जिनालय, चौमुखी चौबीसी, संत निवास, स्वाध्याय भवन , औषधालय,धर्मशाला, कम्युनिटी हॉल का निर्माण किया जाएगा।
इसमें विशेष बात यह है कि शिलान्यास समारोह के मुख्य रूप से अजैन स्थानीय, क्षेत्रीय ,व राष्ट्रीय स्तर के राजनेताओं को अतिथि के रूप में मंच, माला, व स्वागत सत्कार करने के लिए आयोजक इंदौर श्री दिगंबर खरौआ जैन समाज गोमटगिरी की घटना को अनदेखा कर बहुत उत्साह पूर्वक सत्कार के लिए आतुर है ? इससे यह प्रतीत होता है कि सभी अपने अपने क्षेत्र या जिस संस्था से जुड़े हैं बस वही संस्था या परिसीमन या व्यक्तिगत को लाभ दिलाने के लिए अजैन राजनेताओं क़ो बुलाना उचित होता जा रहा है ? यही नहीं इसके पूर्व में अभी अभी संत सानिध्य में आयोजित सर्वाधिक पंचकल्याणक महोत्सव हुए हैं ‌उसमें भी टेंट ,साउंड , कैटर्स , लाइटिंग व बैनर पोस्टर में अपने-अपने नाम व फोटो की तरह स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय स्तर के अजैन राजनेताओं को अधिक तवज्जो दी गई क्या इसी तरह आगे भी दी जाएगी । फिर अब किस तरह अजैन राजनेताओं से अपने जैन धर्म ,समाज , संस्कार , संस्कृति पर हो रहे आघात को रोकने में किसी भी तरह की उम्मीद की जा सकती हैं ? क्योंकि हमारी जैन समाज के पदाधिकारी सब भूलकर दूसरी ओर उनके चरणों में नतमस्तक हो जाते हैं .?
क्या इंदौर जैन समाज में जैन राजनैतिक बंधुओं का अस्तित्व अब खत्म हो रहा है या जैन समाज में राजनीति सिर्फ अपने निजी स्वार्थ तक ही सीमिट कर रह गई । अगर यही हाल रहा तो धीरे-धीरे जैन समाज पर सभी हावी होंगे व सिर्फ समझौता करना ही जैन समाज की मजबूरी बनती जाएगी । सोचो समझो परिणाम सबके समक्ष है ।
अभी भी अगर नहीं जागे तो …

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