कोटा जैन समाज एक जाजम पर आई सकल जैन समाज का हुआ गठन
कोटा ! संगठन शक्ति से कौन अपरिचित रहा है समय रहते समाज अगर एक हो जाए तो किसी भी क्षेत्र में वह अपना वर्चस्व कायम करके रहता है !
हम नहीं दिगम्बर श्वेताम्बर, तेरहपंथी, स्थानक,वासी,
हम एक धर्म के अनुयायी हम एक देव के विश्वासी ।
हम जैनी अपना धर्म जैन इतना ही परिचय केवल हो,
हम यही कामना करते है, ऐसा आने वाला कल हो ।।
गीतकार स्व. रविन्द्र जैन की उक्त पंक्तिया कोटा की जैन समाज मे अब साकार होती नजर आ रही है ओर साथ ही जैन समाज के सभी घटकों के प्रमुख व्यक्तित्वों के प्रयास भी सार्थक सिद्ध हो रहे है और इसी जुगल बंदी का परिणाम है कि विगत कई वर्षों से दिगम्बर एवं श्वेताम्बर सम्प्रदायों की एकता के लिए की जा रही कोशिश आज सफलता के पायदान पर आ पहुँची है ।
प्रातः काल की मधुर बेला में सूरज कि नई किरणों की लालिमा के बीच नई सोच नई ऊर्जा शक्ति के साथ अकलंक विद्यालय परिसर में दोनों घटकों के प्रमुख प्रतिनिधियों की एक सकारात्मक भावों से ओतप्रोत सभी के विचारों की सहमति की ध्वज पताका को लहराते हुए सकल जैन समाज, कोटा के नाम से एक समन्वय समिति की घोषणा की गई । जिसमें मुख्य संयोजक श्री जे.के. जैन एवं संयोजक श्रीमति रेखा हिंगड़ व संरक्षक मण्डल में राजमल पाटोदी, विमल जी नांता, श्री पंकज मेहता, विनोद टोरडी, श्री ताराचंद ब़डला, श्री विपिन बाफना को चुना गया । इसके साथ ही दोनों घटको से ही कुल 25 पदाधिकारियो का एक बोर्ड बनाया गया । जो वर्तमान व भविष्य में जैन समाज के सामूहिक आयोजन को नियोजित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा ।
हमारी जैन एकता ही भविष्य में हमारे संरक्षण में एक सुरक्षा कवच का कार्य करेगी ।
राकेश जैन ‘चपलमन’✍🏻
9829097464