आइये जाने चन्द्रमा ग्रह की वैदिक ज्योतिष जानकारी ~ डॉ हुकमचंद जैन
मध्य प्रदेश ! आओ जाने चंद्रमा की वैदिक स्थिति क्या है
मित्र :- सूर्य, बुध | शत्रु :- कोई नहीं।
सम :- मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि।
अधिपति :- कर्क
मूलत्रिकोण :- वृष 3° – 30°
उच्च :- वृष 3°नीच: वृश्चिक 3° कला / किरण: 16/8 | लिंग: स्त्रीलिंग
दिशा: उत्तर-पश्चिम | शुभ रंग:- रूपहला/चांदी जैसा रंग, सफेद
शुभ रत्न:- मोती, चंद्र – रत्न।शुभ संख्या: 2, 11, 20देवता: दुर्गा, पार्वती
बीज मंत्र : ऊँ श्राम् श्रीम् शौम् से चंद्राय नम:। (11000 बार)।
वैदिक मंत्र :-
दघिशंखतुशाराभं क्षीरोदोर्णवसभवम् नवमि्।
भाशिनं भवत्या भामभोर्मुकुटभुशणम्।।
दान योग्य वस्तुएं :
दूध, दही, चावल, मोती, मिश्री, चांदी, सफेद फूल, सफेद कपड़ा या चंदन (सोमवार को शाम के समय)।
स्वरूप :-
आँखें, अत्यंत कामुक, वातरोगी, सुस्त प्रकृति, सरस, अस्थिर मानसकता, वृत्ताकार।सित्रिदोष व शरीर आकर्षक के अंग- पुरुष की बाईं आँख व महिला की दाईं आँख, गर्भाशय, छाती, गाल, अण्डाशय, रक्त, वात, कफ, मूत्राशय, पिंडली, मांस, पेट इत्यादि।
त्रिदोष व शरीर के अंग :-
पुरुष की बाईं आँख व महिला की दाईं आँख, गर्भाशय, छाती, गाल, अण्डाशय, रक्त, वात, कफ, मूत्राशय, पिंडली, मांस, पेट इत्यादि।
होने वाले रोग :-
क्षय रोग (टी. बी.), गले से संबंधित समस्याएं, खून की कमी, मधुमेह, मासिक अनियमितता, बेचैनी, सुस्ती, सूजन, गर्भाशय से संबंधित रोग, कफ, ड्राप्सी, फेफड़े की सूजन, गुर्दा, रक्त अशुद्धता, सिंग वाले जानवरों से भय, पानी से खतरा, उदरशूल, त्वचा रोग, क्षयरोग, वी.डी., खसरा, बदहजमी, नजला – जुकाम, पेचिश, हृदय रोग, फेफड़ा, अस्थमा, बुखार, पीलिया, पथरी, अतिसार/दस्त।
प्रतिनिधित्व :
हृदय, मन, मस्तिष्क, मूल।
विशिष्ट गुण :-
यह बच्चे को धारण करने की शक्ति देता है, संदेहशील, पानी व प्राकृतिक शक्तियों से संबंधित गर्भाधान का एक ग्रह, एक रेंगने वाला कीट।
कारक :-
जलीय स्थान, माता, हृदय, मस्तिष्क, समुद्री भोजन, मोती, रक्त, शरीर में स्थित तरल पदार्थ, पेट्रोलियम उत्पाद, सुगंध, बाइंर् आँख, बागवानी, यात्रा, भावनाएं, नमक, समुद्री दवा, आंत उतरना, व्यक्तित्व, तरल पदार्थ, विदेश यात्रा, शाही पकवान, परिवर्तन।
व्यवसाय व जीविका :-
पत्रकारिता, पर्यटन, यात्री, पानी का काम, आबकारी, महिला कल्याण, विज्ञापन, जलपान गृह, नाविक, नमक विक्रेता, यांत्रिक अभियंता (मकैनिकल इंजिनीयर), कृषि, अस्पताल, निर्संग होम, मवेशी, नौ – परिवहन, नौ – सेना, मत्स्य, पेट्रोलियम, मूंगा, दूध, मदिरा, मोती, पौधशाला, रासायनिक पदार्थ, शीशा/चश्मा। मंगल (तामसी, प्रज्वलित, क्षत्रिय)
~ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन मो . 9425187186