आठ वर्षीय अहिंसा यात्रा का 27 मार्च को दिल्ली में होगा भव्य समापन समारोह

नई दिल्ली ! ( देवपुरी वंदना )
शांतिदूत, जैन समाज के शीर्ष आचार्य, अहिंसा यात्रा के पथिक एवं युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में चल रही उनकी आठ वर्षीय अहिंसा यात्रा का भव्य समापन समारोह आगामी रविवार दिनांक 27 मार्च 2022 को दिल्ली में आयोजित होगा। इस हेतु वे राजस्थान के बीदासर से पदयात्रा करते हुए 21 मार्च 2022 को दिल्ली पहुंचेंगे। उनके सान्निध्य में संपूर्ण जैन समाज की उपस्थिति में आयोजित होने वाले इस राष्ट्रीय समारोह में बाइस राज्यों एवं तीन पड़ोसी राष्ट्रों के प्रतिनिधि हजारों की संख्या में भाग लेंगे। जिससे देश और दुनिया में अहिंसा, शांति, सद्भावना, भाईचारा एवं जीवन मूल्यों की महक फैलेगी।

बीदासर (राजस्थान) में आचार्य श्री महाश्रमणजी के सान्निध्य में आयोजित एक भव्य समारोह में मर्यादा महोत्सव समिति बीदासर द्वारा आज अहिंसा यात्रा समारोह समिति दिल्ली एवं जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा दिल्ली को आचार्य महाश्रमणजी की आगामी दिल्ली यात्रा हेतु ध्वज हस्तांतरित किया गया। इस समारोह में दिल्ली के सैंकड़ों प्रतिनिधि उपस्थित थे जिनमें शीर्ष कार्यकर्ता श्री कन्हैयालाल पटावरी, अहिंसा यात्रा समिति के अध्यक्ष श्री महेन्द्र नाहटा, जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा दिल्ली के अध्यक्ष श्री जोधराज बैद आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए आचार्य महाश्रमणजी की दिल्ली यात्रा को ऐतिहासिक बनाने की दृष्टि से की गयी तैयारियों का विवरण दिया।

सभी को विदित हो दिनांक 9 मार्च 2014 को आचार्य श्री महाश्रमण ने राजधानी दिल्ली के लाल किला प्राचीर से अहिंसा यात्रा का शुभारंभ किया था। उन्होंने बाइस राज्यों एवं तीन पड़ोसी देशों की करीब 20 हजार किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए अहिंसा और शांति का पैगाम फैलाया। नेपाल में भूकम्प, कोरोना की विषम परिस्थितियों में इस यात्रा का नक्सलवादी एवं माओवादी क्षेत्रों में पहुंचना आचार्य महाश्रमण के दृढ़ संकल्प, मजबूत मनोबल एवं आत्मबल का परिचायक है। इस यात्रा का समापन समारोह राजधानी दिल्ली में होना एक सुखद संयोग है।

दिल्ली में आयोजित अहिंसा यात्रा के समापन समारोह के सप्त दिवसीय कार्यक्रमों में देश के विभिन्न अंचलों से विशिष्ट संतपुरुष, राजनेता, साहित्यकार, पत्रकार आदि द्वारा आचार्य महाश्रमणजी के संस्कृति उत्थान, राष्ट्रीय एकता, नैतिक मूल्यों के जागरण, पर्यावरण संरक्षण, नशामुक्त एवं अहिंसक समाज निर्माण, साम्प्रदायिक सद्भावना, संस्कार एवं साधना-संयम की उत्कृष्ट आठ वर्षीय अहिंसा यात्रा की उपलब्धियों के लिए आपकी अभिवंदना की जाएगी।

अवगत हो आचार्य महाश्रमणजी का भारत की संत परम्परा में एक विशिष्ट स्थान है। भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन दर्शन की भूमिका पर जीने वाले इस संत चेतना ने संपूर्ण मानवजाति के उत्थान में स्वयं को समर्पित किया है। भारतीय संस्कृति और सांस्कृतिक मूल्यों को विकसित करने और उनके नये आयाम उद्घाटित करने के लिए आपके उल्लेखनीय उपक्रम हैं। साहित्य सृष्टा के साथ-साथ धर्मक्रांति एवं समाजक्रांति के आप सूत्रधार हैं।
विस्तृत जानकारी के लिए संपर्क करें ,:-
ललित गर्ग
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा
210, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग
नई दिल्ली-110002,
मो. 9811051133

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