आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने बताया आजादी और गुलामी का सही अर्थ
श्री महावीर जी ! पूरा देश 75 वा अमृत महोत्सव मना रहा है। हमारी आत्मा कर्मों के अधीन है ,इस कारण हम पराधीन है हमारे तीर्थंकर कर्मों से रहित है इसलिए वह स्वाधीन है ।उन्होंने सिद्ध पद को प्राप्त किया है धर्म के माध्यम से आत्मा को…
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