शिक्षण शिविरों से व्यक्ति सुसंस्कारित होता है ~ बा. ब्र. संजय भैयाजी
मुरैना ! (देवपुरी वंदना) प्रत्येक सांसारिक प्राणी को अपने धर्म, अपनी संस्कृति, अपनी परम्पराओं का ज्ञान होना चाहिए। कोई व्यक्ति कितना भी पढ़ा लिखा, होशियार, चतुर चालाक क्यों न हो, यदि उसे अपने धर्म, अपनी संस्कृति और अपनी परम्पराओं का…
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